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द सेंचुरी स्कूल, घरौंडा ने 25 वर्षों की जर्नी के साथ एनुअल फेस्ट में बच्चों की माइंडब्लोइंग परफॉर्मेंस दिखाई।
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स्कूल की यूएसपी: वैल्यू एजुकेशन, संस्कार व ग्लोबल सिटिजनशिप पर फोकस, सभी स्ट्रीम्स व मॉडर्न टेक्नोलॉजी उपलब्ध।
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प्रिंसिपल डॉ. करुणा 25 साल से संस्थान से जुड़ी, पूर्व छात्रों के बच्चे भी अब यहीं पढ़ रहे हैं, मजबूत लीनिएज बनी।
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गणेश वंदना सहित कई डांस–स्किट–म्यूजिक एक्ट्स से बच्चों ने ऑल-राउंड डेवलपमेंट और हाई कॉन्फिडेंस का परिचय दिया।
घरौंडा: The Century School में इस बार का Annual Fest विशेष रहा, क्योंकि स्कूल ने अपने 25 सफल वर्ष पूरे करते हुए सिल्वर जुबली भी सेलिब्रेट की। नेशनल हाईवे-44 पर स्थित इस स्कूल में आयोजित फेस्ट में बच्चों ने डांस, स्किट, म्यूजिक समेत कई प्रस्तुति देकर मंच पर बेहतरीन कॉन्फिडेंस और स्किल्स दिखाईं, जिन्हें देखकर पेरेंट्स और मेहमानों ने जमकर सराहना की।
एंकर के अनुसार, द सेंचुरी स्कूल केवल अकादमिक रिजल्ट्स तक सीमित नहीं, बल्कि बच्चों की ऑल-राउंड डेवलपमेंट पर फोकस करता है, जिसमें डांस, थिएटर, म्यूजिक, नेवी, एनसीसी जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं। स्कूल शहर भर में अच्छी ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी, सभी बोर्ड/स्ट्रीम ऑप्शंस, मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस इंफ्रास्ट्रक्चर और वर्ल्ड-क्लास फैकल्टी के लिए जाना जाता है, जिससे घरौंडा और आसपास के बच्चों को एक प्रीमियम एजुकेशन इंस्टीट्यूट का विकल्प मिलता है।
एक छात्रा दीपा (क्लास 7) ने बताया कि उन्होंने मंच पर गणेश वंदना पर परफॉर्म किया और इसके लिए पहले रिहर्सल, फिर ऑडिशन और उसके बाद फाइनल प्रैक्टिस के लंबे प्रोसेस से गुजरे। उसने कहा कि सेंचुरी स्कूल में “एवरीथिंग इज बेस्ट” लगता है, पढ़ाई से लेकर एक्टिविटीज तक हर क्षेत्र में अच्छा माहौल मिलता है, और 25 साल पूरे होने पर बच्चे भी बेहद खुश हैं।
प्रिंसिपल डॉ. करुणा ने एनुअल फेस्ट के थीम के बारे में बताया कि कार्यक्रम में स्कूल की 25 साल की पूरी जर्नी को दिखाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान एक पौधे की तरह था, जिसे संस्थापक अनिल जिंदल और आदित्य बंसल ने लगाया था, और अब 25 वर्ष की ‘बाल्यावस्था’ पूरी कर यह “युवा” हो चुका है, आगे लक्ष्य है कि यह और ऊंचाइयों को छुए और स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराए।
डॉ. करुणा ने बताया कि वे स्वयं भी स्कूल की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़ी हैं और पिछले 25 वर्ष इसी “भूमि” में संस्था के साथ बिताए हैं। उन्होंने इसे केवल स्कूल नहीं बल्कि एक परिवार बताया, जहां घरौंडा और आसपास का पूरा क्षेत्र, पूर्व छात्र और उनकी अगली पीढ़ी, सभी मिलकर एक संयुक्त परिवार जैसी भावना का अनुभव करते हैं।
एजुकेशन की यूएसपी पर बात करते हुए प्रिंसिपल ने कहा कि सिलेबस और पढ़ाई तो हर स्कूल करवाता है, लेकिन द सेंचुरी स्कूल की असली ताकत वैल्यू एजुकेशन है। स्कूल समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित करता है जिनसे बच्चों में नैतिक मूल्य, संस्कार, धरती और जड़ों से जुड़ाव, बड़ों का सम्मान और देशप्रेम की भावना विकसित हो, ताकि वे आधुनिक ग्लोबल सिटिजन बनते हुए भी अपनी संस्कृति और परिवार से जुड़े रहें।
डॉ. करुणा ने बताया कि आज कई ऐसे छात्र भी समारोह में मौजूद रहे जो यहां से पढ़कर अब अलग-अलग फील्ड्स में काम कर रहे हैं और अब उनके बच्चे भी द सेंचुरी स्कूल में पढ़ रहे हैं। इससे एक मजबूत “लीनिएज” और ट्रस्ट का संकेत मिलता है कि पहले जनरेशन के अच्छे अनुभव के बाद दूसरी पीढ़ी भी यही संस्थान चुन रही है, जो स्कूल की क्वालिटी और वैल्यू सिस्टम का प्रमाण है।
एंकर ने कहा कि आज के समय में लक्ष्य सिर्फ “नौकरी करने वाला नर्स” नहीं बल्कि “एसेट” बच्चे तैयार करना होना चाहिए, जो खुद एम्प्लॉयर बन सकें या जिस भी क्षेत्र में जाएं, वैल्यू क्रिएट कर सकें। इसके लिए शुरुआती फाउंडेशन स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है, और द सेंचुरी स्कूल जैसे संस्थान बच्चों को सिद्धांतों और संस्कृति से जोड़े रखते हुए उन्हें आधुनिक ग्लोबल सिटिजन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
फेस्ट के दौरान सीबीएसई से जुड़े कई चीफ गेस्ट, पेरेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स भी मौजूद रहे, जिन्होंने बच्चों की परफॉर्मेंस और आयोजन की सराहना की। मंच के पीछे और सामने काम कर रहे टीचर्स की मेहनत और मैनेजमेंट की प्लानिंग ने कार्यक्रम को “माइंडब्लोइंग” बनाने में अहम भूमिका निभाई, जिसे एंकर ने भी खास तौर पर हाइलाइट किया।