करनाल में आयोजित थर्ड हॉकी इंडिया वुमेन चैंपियनशिप 2025 के रोमांचक फाइनल मुकाबले सम्पन्न हो गए, जहां गोल्ड, सिल्वर और ब्रोंज़ की चमचमाती ट्रॉफियों के साथ विजेता टीमों को सम्मानित किया गया। यह टूर्नामेंट सिर्फ हरियाणा तक सीमित नहीं रहा बल्कि देश भर के अलग-अलग राज्यों से आई महिला खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया। सैकड़ों प्रतिभागियों ने एक हफ्ते तक चले इस टूर्नामेंट में अपना प्रदर्शन दर्ज कराया और करनाल की धरती पर महिला हॉकी का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला।
इस अवसर पर पीए टू मुख्यमंत्री नायब सैनी, दीपक जी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा साबित कर रही हैं और खेल उन्हें आत्मविश्वास, मंच और एक्सपोजर देता है। उन्होंने खास तौर पर पंजाब और ओडिशा की बेटियों के बीच हुए बेहतरीन मैच का जिक्र करते हुए अभिभावकों से अपील की कि वे अपनी बेटियों को खेलों में ज़रूर आगे बढ़ाएं क्योंकि खेल से मिलने वाला आत्मविश्वास जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के सदस्य कपिल अत्रेजा ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और बेटियों को संदेश दिया कि अब वह समय नहीं रहा जब लड़कियां केवल घर और परिवार तक सीमित थीं। उन्होंने कहा कि बेटियों का कर्तव्य अब समाज और देश को संभालने तक विस्तारित हो चुका है और हरियाणा की बेटियां किसी से पीछे नहीं हैं। उन्होंने आयोजन करने वाली संस्थाओं क्रीड़ा भारती और जय भारत एकेडमी को इतने बड़े स्तर का सफल आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया।
टूर्नामेंट की सबसे खास बात रही राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और ओलंपिक खिलाड़ी ऋतू रानी की मौजूदगी, जो अपने पति, बेटी और मां के साथ पहुंचीं। ऋतू रानी ने कहा कि यह टूर्नामेंट लड़कियों के लिए बेहद अच्छा प्लेटफॉर्म है, खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जिन्हें स्टेट या नेशनल स्तर पर मौके कम मिल पाते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे एकेडमी नेशनल टूर्नामेंट्स से बच्चियों को यह समझने का मौका मिलता है कि नेशनल लेवल का माहौल कैसा होता है और उनका अनुभव समृद्ध होता है।
ऋतू रानी ने माता-पिता से अपील की कि वे अपनी बेटियों को स्पोर्ट्स में पूरा समर्थन दें। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके समय में जो सुविधाएं नहीं थीं, आज सरकार की ओर से काफी बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं, टर्फ, लाइव टेलीकास्ट और सोशल मीडिया के कारण खिलाड़ियों की पहचान अब ज्यादा लोगों तक पहुंचती है। उन्होंने कहा कि टर्फ की सुविधा लड़कियों के लिए बड़ा लाभ है और उन्हें इसका पूरा फायदा उठाकर बेहतर ट्रेनिंग करनी चाहिए।
हॉकी को बढ़ावा देने के लिए स्पॉन्सरशिप के महत्व पर बोलते हुए ऋतू रानी ने कहा कि महिला लीग शुरू होना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन हॉकी को नेशनल गेम होने के बावजूद वह ऊंचाई नहीं मिल पाई जो उसे मिलनी चाहिए। उन्होंने इवेंट्स को स्पॉन्सर करने वाले संस्थानों से आग्रह किया कि वे हॉकी को भी प्राथमिकता दें ताकि महिला खिलाड़ियों को और अधिक अवसर मिल सकें।
युवतियों के लिए प्रेरक संदेश देते हुए ऋतू रानी ने कहा कि लक्ष्य हमेशा इंटरनेशनल स्तर का रखना चाहिए, सिर्फ नेशनल तक सीमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का सपना ही नहीं देखेंगे तो वहां तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। उन्होंने मेहनत और निरंतरता को सफलता की कुंजी बताते हुए कहा कि दिल से मेहनत करने पर नतीजे अवश्य मिलते हैं।
उनकी माता ने भी बेटियों के खेल प्रदर्शन पर गर्व जताते हुए कहा कि जब भी लड़कियों को खेलते हुए देखती हैं तो उन्हें अपनी बेटी ऋतू की झलक नजर आती है और अब वे ऋतू की बेटी में भी भविष्य की खिलाड़ी देख रही हैं। परिवार की ओर से बताया गया कि वे पटियाला में “ऋतू रानी हॉकी एकेडमी” चला रहे हैं, जहां लड़के और लड़कियां दोनों को हॉकी की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि उनके अनुभव से नई पीढ़ी लाभ उठा सके।
अवार्ड सेरेमनी के दौरान ब्रोंज़ मेडल जीतने वाली टीम की खिलाड़ी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि टूर्नामेंट बहुत अच्छा रहा और उन्हें खेलकर काफी आनंद और नया सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि वे गोल्ड के लक्ष्य के साथ आई थीं, लेकिन ब्रोंज़ जीतना भी बड़ी उपलब्धि है, खासकर तब जब 33 टीमों ने देश के अलग-अलग राज्यों से आकर प्रतिस्पर्धा की हो। खिलाड़ी ने भरोसा जताया कि अगली बार और बेहतर तैयारी के साथ फर्स्ट या सेकंड स्थान हासिल करेंगी।
पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेटियों के चेहरे पर जोश और उत्साह साफ दिखाई दिया। आयोजकों, दिग्गज खिलाड़ियों, अधिकारियों और अभिभावकों की मौजूदगी ने इस आयोजन को और खास बना दिया। कार्यक्रम के अंत में यह संदेश उभरकर सामने आया कि इस तरह के टूर्नामेंट समय-समय पर होते रहने चाहिए, ताकि लड़कियां घर से बाहर निकलकर अपनी स्किल्स को निखार सकें और खेल के माध्यम से जीवन में एक ऊंचा मुकाम हासिल कर सकें।