करनाल: सेक्टर 12 स्थित बिजली भवन पर पार्श्वनाथ सिटी के सैकड़ों निवासी विरोध जताने पहुंचे, क्योंकि पिछले दो दिन से लगातार उनके घरों की बिजली गुल है। लोग नाराज हैं कि बार-बार शिकायत और बिल चुकाने के बावजूद बिजली सप्लाई बहाल नहीं हुई। लोग आरोप लगा रहे हैं कि वे नियमित रूप से बिल्डर को बिल देते हैं, लेकिन बिल्डर बिजली बोर्ड को पेमेंट नहीं करता और बिजली बोर्ड, रेजिडेंट्स की परेशानी पर ध्यान नहीं देता।
निवासियों के मुताबिक, बिल्डर ने न तो बिजली के लिए परमानेंट कनेक्शन लिया, न ही बिजली बोर्ड को बैंक गारंटी दी। पिछले 14 साल से कंस्ट्रक्शन के नाम पर एक अस्थायी कनेक्शन से पूरी सिटी की सप्लाई चल रही थी। कोर्ट से लेकर सीएम और प्रशासन तक, सभी जगह चक्कर लगाने के बावजूद अभी तक समाधान नहीं हुआ और हर बार बिल्डर और बिजली विभाग जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रहे हैं।
लोगों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की दवाई, घरों में हेल्थ इश्यू—सब कुछ ठप है; कई घरों में गंभीर मरीज वेंटिलेटर पर हैं, लेकिन बिजली नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट और सीजीआरएफ, दोनों ही डायरेक्ट कनेक्शन और न्यूनतम खर्च पर कनेक्शन देने का आदेश दे चुके हैं, लेकिन विभाग अब भी समाधान की जगह बहाने बना रहा है और करोड़ों के बिल का बोझ सीधा निवासियों पर डालना चाहता है।
निवासियों का सवाल है—जब बिल्डर को सारे पैसे दे दिए, तो विभाग उनसे ही क्यों वसूली मांग रहा है? सबकी मांग है कि बिल्डर पर कार्रवाई हो, कब्जा और संपत्ति अटैच हो, ताकि रेजिडेंट्स को बिल्डर की गलती का खामियाजा न भुगतना पड़े।
लोगों ने यह भी बताया कि बिल्डर फोन उठाता नहीं, ऑफिस जाने पर मिलने से मना कर देता है, जबकि विभाग भी लिखित में कोई जवाब नहीं दे रहा। बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों के हेल्थ इश्यू, जीवन की सभी जरूरतें बिजली के बिना ठप सी हो गई हैं।
कई रेजिडेंट्स ने गुस्से में कहा कि चुनाव के वक्त सभी नेता यहां आते हैं—सीएम से लेकर मेयर, विधायकों और बड़े नेताओं तक—लेकिन चुनाव के बाद कोई समस्या सुलझाने नहीं आता; प्रशासन अधिकार के नाम पर शक्ति सिर्फ आम आदमी और गरीब पर दिखाता है, बिल्डर पर नहीं।
भीड़ का आक्रोश साफ था—अब इंतजार सिर्फ तत्काल समाधान का है, नहीं तो विरोध और तेज होगा।