नयी अनाज मंडी , करनाल : करनाल जिले में करोड़ों रुपये के धान घोटाले मामले में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है और अब तक कुल पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें करनाल मंडी का सस्पेंड चल रहा सुपरवाइजर, दो प्राइवेट दलाल और असंध के दो राइस मिल मालिक शामिल हैं। असंध के राधे-राधे राइस मिल और अग्रवाल राइस मिल के ओनर्स को धान घोटाले में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि मंडी सचिव अभी फरार चल रही है।
एसपी गंगाराम पूनिया ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट के आधार पर धान खरीद में गड़बड़ी से जुड़ी कुल छह शिकायतें पुलिस को मिली थीं, जिन पर सिटी करनाल, सदर करनाल, असंध, बुटाना, इंद्री और तरावड़ी थानों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन मामलों में विभिन्न राइस मिलों और अधिकारियों पर आरोप लगे हैं और जिला पुलिस हर एफआईआर की पुख्ता व गुणवत्तापूर्ण जांच सुनिश्चित कर रही है, ताकि वास्तविक रूप से शामिल लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई हो।
शहर करनाल की एफआईआर में करनाल मंडी से जुड़े आरोपों के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सस्पेंड मंडी सुपरवाइजर पंकज तुली और मंडी सचिव द्वारा निजी तौर पर बैठाए गए दो प्राइवेट दलाल शामिल हैं। एसपी के मुताबिक, मंडी सचिव ने निलंबित कर्मचारी को भी अपने पास रखकर काम करवाया और धान की वास्तविक आवक के बिना ही फर्जी गेट पास काटे गए, बाद में कुछ अन्य अधिकारियों की संलिप्तता से फर्जी डिस्पैच भी दिखाए गए।
असंध थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर में दो राइस मिलरों को गिरफ्तार किया गया है, जो राधे-राधे राइस मिल और अग्रवाल राइस मिल के मालिक बताए जा रहे हैं। इन पर आरोप है कि बोगस गेट पास और धान की फर्जी एंट्री के माध्यम से करोड़ों रुपये का धान घोटाला किया गया और दूसरे राज्यों से धान मंगवाकर यहां की मंडियों में स्थानीय खरीद के रूप में दर्शाया गया।
एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि तत्कालीन मंडी सचिव की अग्रिम जमानत याचिका जिला अदालत ने खारिज कर दी है, जिसके बाद पुलिस लगातार उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन-जिन व्यक्तियों के नाम जांच के दौरान सामने आ रहे हैं, उनके खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया और संबंधित एजेंसियों से रिकॉर्ड जुटाने की कार्रवाई एक साथ चल रही है, ताकि किसी भी दोषी को छोड़ा न जाए।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग (फूड सप्लाई) और हैफेड के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी सदर करनाल और तरावड़ी थानों में मामले दर्ज किए गए हैं। एसपी के अनुसार, धान की बड़ी मात्रा में आवक, संबंधित मंडी रिकॉर्ड, प्रोक्योरमेंट एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों और गेट पास व डिस्पैच की क्रॉस-वेरिफिकेशन के आधार पर यह जांच काफी विस्तृत और तकनीकी है, लेकिन जिला पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि जांच तेजी से और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरी हो।
उन्होंने कहा कि फर्जी तरीके से बनाए गए गेट पास, धान की बिना वास्तविक आवक के एंट्री और दूसरे राज्यों से धान लाकर यहां बेचने जैसे मामलों को अलग से चिन्हित किया जा रहा है। जहां-जहां ऐसी गड़बड़ी की पुष्टि हो रही है, वहां संबंधित आरती, राइस मिलर या अधिकारी के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है और आगे भी ऐसे सभी मामलों पर कठोर कदम उठाए जाएंगे।
हर साल धान खरीद सीजन में धान घोटालों की चर्चाएं होती रही हैं और कई बार केवल सस्पेंशन या एफआईआर तक ही कार्रवाई सीमित रह जाती थी। लेकिन इस बार करनाल में पुलिस ने बारीकी से जांच करते हुए न केवल केस दर्ज किए हैं बल्कि अब तक पांच से ज्यादा गिरफ्तारियां कर साफ संदेश दिया है कि धान घोटाले में शामिल किसी भी अधिकारी, दलाल या राइस मिलर को बख्शा नहीं जाएगा।
एसपी ने दोहराया कि जिला प्रशासन और पुलिस, दोनों मिलकर इस पूरे प्रकरण पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इंद्री, बुटाना और अन्य क्षेत्रों की राइस मिलों जैसे एएस राइस मिल, यूनाइटेड राइस मिल आदि की भूमिका भी स्पष्ट होगी। यदि उनके खिलाफ भी फर्जी गेट पास, धान की कागजी हेरफेर या दूसरे राज्यों से धान मंगवाने के सबूत मिलते हैं तो उनके मालिकों पर भी सख्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां की जाएंगी।
करनाल पुलिस की सीआईए/सीटू शाखा की इस त्वरित व सख्त कार्रवाई से किसानों और आम जनता के बीच यह संदेश जा रहा है कि सार्वजनिक धन और अनाज की हेराफेरी करने वालों पर अब कड़ी निगरानी है। पुलिस की ओर से लोगों से अपील की गई है कि यदि किसी स्तर पर धान खरीद में गड़बड़ी, फर्जी गेट पास या अनियमितता की जानकारी हो तो वे बेझिझक प्रशासन या पुलिस को सूचना दें, ताकि ऐसी भ्रष्ट प्रथाओं पर समय रहते लगाम लगाई जा सके।