करनाल की एंटी करप्शन ब्यूरो (विजिलेंस शाखा) ने कुंजपुरा थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर राजकुमार को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। विजिलेंस टीम ने राजकुमार को पकड़ने के बाद औपचारिक कार्रवाई के लिए करनाल के सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए पहुंचाया, जहां से पूरे मामले की लाइव तस्वीरें सामने आईं।
विजिलेंस इंस्पेक्टर कृष्ण ने बताया कि अमित वासी चुंडीपुर अपने साथी भोपाल के साथ विजिलेंस कार्यालय पहुंचे थे और उन्होंने शिकायत दी थी कि थाना कुंजपुरा में उसके भाई सुमित के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में जांच अधिकारी राजकुमार एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके भाई गौरव को भी इस केस में फंसाने की धमकी दी जा रही थी और नाम निकलवाने तथा राहत देने के बदले यह रकम मांगी गई थी, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी विजिलेंस को सौंपी गई।
शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर रेडिंग पार्टी तैयार की। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को बताया कि वह पूरी एक लाख की राशि का इंतजाम नहीं कर पा रहा, लेकिन 35 हजार रुपये आज देने के लिए राजी हो गया है और वह इन पैसों को देने के बजाय राजकुमार को रंगे हाथ पकड़वाना चाहता है। इस सूचना के बाद विजिलेंस टीम ने थाना कुंजपुरा के पास स्थित एक खोखे के नजदीक रेड की योजना बनाई।
विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, तय समय पर शिकायतकर्ता 35 हजार रुपये लेकर पहुंचा और जैसे ही यह रकम राजकुमार को दी गई, टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। राजकुमार के कब्जे से 35 हजार रुपये बरामद किए गए, जिनमें 500, 200 और 100 रुपये के नोट शामिल थे। अधिकारियों ने कहा कि उनके पास वह ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है, जिसमें एक लाख रुपये की रिश्वत की साफ–साफ डिमांड सुनाई देती है, जबकि शिकायतकर्ता बार–बार यह कहता सुनाई देता है कि वह गरीब है और केवल 35 हजार का ही इंतजाम कर पाया है।
विजिलेंस इंस्पेक्टर ने बताया कि पोक्सो एक्ट का यह मामला सुमित नामक युवक से जुड़ा है, जो चुंडीपुर का ही रहने वाला है और पहले से गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि उसी केस के संदर्भ में गौरव के नाम को लेकर लेन–देन और धमकी की बात चल रही थी और नाम निकालने या फंसाने के नाम पर रुपये मांगे जा रहे थे। रिकॉर्डिंग में 1 लाख की मांग स्पष्ट तौर पर दर्ज दिख रही है, जबकि वास्तविक रूप से 35 हजार रुपये लेते समय राजकुमार को रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
विजिलेंस अधिकारियों ने यह भी कहा कि अभी तक उनकी जांच में मुख्य रिश्वत प्रकरण यही सामने आया है, हालांकि अगर कोई अन्य शिकायतकर्ता भी सामने आता है तो उसकी शिकायत पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बातचीत के दौरान यह संकेत भी दिया गया कि कुंजपुरा क्षेत्र की एक महिला ने भी राजकुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि उससे भी अलग–अलग मामलों में पैसे की डिमांड की गई थी, जिसे विजिलेंस आगे की जांच में देखेगी।
घटना के बाद सब इंस्पेक्टर राजकुमार को करनाल के सरकारी अस्पताल में मेडिकल के लिए लाया गया, जहां विजिलेंस की टीम पूरे समय मौजूद रही। इसके बाद राजकुमार को अदालत में पेश किए जाने की तैयारी की जा रही है और उसे न्यायालय के समक्ष प्रोड्यूस कर आगे का पुलिस रिमांड या न्यायिक हिरासत का निर्णय लिया जाएगा। विजिलेंस शाखा ने साफ संदेश दिया कि यदि किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी द्वारा किसी भी केस में नाम निकालने, फाइल आगे बढ़ाने या किसी तरह की राहत देने के नाम पर रिश्वत की मांग की जाती है, तो पीड़ित सीधे एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क कर सकते हैं, ताकि ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त कार्रवाई हो सके।