करनाल: शहर की पुरानी सब्जी मंडी में देर रात उस समय हलचल मच गई, जब प्रॉपर्टी विवाद और बैंक लोन के मामले में तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स ने ताला तोड़ने की आशंका जताते हुए डायल 112 पर कॉल कर दी और मौके पर पुलिस की दो–दो गाड़ियां पहुंच गईं। मामला उस दुकान/प्रॉपर्टी का है, जिस पर बैंक द्वारा लोन न चुकाए जाने के बाद कोर्ट के आदेश अनुसार कब्जा लेकर दिन में ही सील लगाई गई थी।
दिन में बैंक ने कोर्ट आदेश से कब्जा लेकर ताले–सील लगाए
पुलिस अधिकारी परविंदर ने बताया कि दोपहर करीब 3:20 बजे उन्हें इस प्रॉपर्टी से जुड़ा कोर्ट–संबंधित इवेंट मिला था। यह केस “स्टेट बनाम दो पार्टियां” के रूप में है, जिसमें एक पक्ष के रूप में कैनरा बैंक शामिल है। बैंक का आरोप है कि संबंधित पार्टी ने बैंक से लोन लिया था, लेकिन समय पर भुगतान नहीं किया, जिसके बाद केस कोर्ट गया और बैंक पक्ष में फैसला हुआ।
कोर्ट के आदेश पर डीसी, एसपी और एसएचओ को निर्देश दिया गया कि बैंक को कब्जा दिलवाया जाए, जिसके तहत दिन में पुलिस की मौजूदगी में ताले तोड़कर बैंक ने प्रॉपर्टी पर अपना ताला और सील लगा दी।
रात को पहुंचे मालिक पक्ष के लोग, गार्ड्स घबराए, पुलिस बुला ली
रात के समय प्रॉपर्टी पर बैंक की ओर से लगाए गए सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी पर मौजूद थे। गार्ड्स के अनुसार, 10–12 लोग, जिनमें 2–3 महिलाएं भी थीं, गाड़ियों में बैठकर वहां पहुंचे और दुकान/प्रॉपर्टी के बाहर रुककर जगह देखी व सिक्योरिटी गार्ड की फोटो खींची। गार्ड्स को लगा कि ये लोग शायद ताला तोड़ने या कोई गड़बड़ी करने आए हैं, जिस पर वे घबरा गए और दौड़कर नज़दीकी चौकी–ड्यूटी पर तैनात दूसरे गार्ड के पास पहुंचे और फिर डायल 112 पर कॉल कर दी।
थोड़ी ही देर में पुलिस की दो गाड़ियां पुरानी सब्जी मंडी पहुंच गईं और मौके की स्थिति का जायजा लेने लगीं।
पुलिस: प्रॉपर्टी मालिक अपनी दुकान देखने आए थे, कोई ताला नहीं टूटा
मौके पर मौजूद स्थानीय दुकानदार और पड़ोसी ललित गाबा ने बताया कि संबंधित पक्ष (मालिक/परिवारजन) वहां जरूर आए थे, लेकिन न तो उन्होंने कोई ताला तोड़ा और न ही सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट या बदतमीजी की। उनके अनुसार, “वो लोग अपनी प्रॉपर्टी देखने आए थे, फोटो खींचना कोई अपराध नहीं है, बच्चे–बाल भी साथ थे, बस देखकर वापस चले गए।”
पुलिस अधिकारी परविंदर ने भी कहा कि मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देख कर सच्चाई स्पष्ट हो जाएगी कि क्या वास्तव में ताला तोड़ने या मारपीट जैसी कोई घटना हुई या नहीं।
सिक्योरिटी गार्ड्स को समझाइश – बेवजह 112 पर कॉल न करें
पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड्स को समझाया कि उनकी ड्यूटी है प्रॉपर्टी की रखवाली करना, लेकिन बिना ठोस वजह या वास्तविक खतरे के घबराकर तुरंत 112 पर कॉल करना पुलिस संसाधनों की अनावश्यक खपत है। गार्ड्स को सलाह दी गई कि:
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किसी के सिर्फ आने–देखने या फोटो खींचने से घबराएं नहीं।
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यदि कोई वास्तव में ताला तोड़ने लगे, मारपीट करे या धमकाए, तभी तुरंत पुलिस को कॉल करें।
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रात की ड्यूटी में टॉर्च और डंडे के साथ सतर्क रहें, और जरूरत पर पहले पुलिस या बैंक मैनेजर को सूचित करें।
पुलिस अधिकारी ने भरोसा दिलाया कि प्रॉपर्टी विवाद के चलते वहां रात में भी गश्त बढ़ाई जाएगी, ताकि सिक्योरिटी गार्ड्स और बैंक दोनों सुरक्षा के प्रति निश्चिंत रह सकें।
प्रॉपर्टी–लोन विवाद से जुड़ा पुराना झगड़ा, चार बार टूट चुके हैं ताले
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस प्रॉपर्टी पर पिछले काफी समय से लोन और मालिकाना हक़ को लेकर विवाद चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, यहां पहले भी कुल चार बार ताले टूट चुके हैं –
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एक बार बैंक वालों ने खुद पुराने ताले तोड़कर नए ताले लगाए,
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एक–दो बार कथित तौर पर किसी अज्ञात व्यक्ति/पक्ष ने रात में ताले तोड़ दिए,
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हाल के दिनों में बैंक द्वारा कोर्ट आदेश के बाद फिर से ताले और सील लगाई गई हैं।
इसी इतिहास और लगातार विवाद के कारण सिक्योरिटी गार्ड्स अतिरिक्त तनाव में रहते हैं, लेकिन पुलिस ने दोबारा साफ किया कि “गलत अलार्म” से बचना जरूरी है और सिर्फ वास्तविक खतरे की स्थिति में ही पुलिस को बुलाया जाना चाहिए।
रिपोर्ट के अंत में लोगों से अपील की गई कि प्रॉपर्टी–विवाद जैसे संवेदनशील मामलों में भावनाओं में बहकर नहीं, बल्कि कानून और कोर्ट के आदेशों के दायरे में रहकर ही कदम उठाएं, और पुलिस को तभी बुलाएं जब स्थिति सच में नियंत्रण से बाहर या खतरनाक हो।