December 7, 2025
18 Nov 10

करनाल: शहर के श्याम नगर इलाके से एक दुखद मामला सामने आया है, जहां 42 वर्षीय धर्मेंद्र ने कथित तौर पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। देर रात करनाल के सरकारी अस्पताल (ट्रॉमा सेंटर) में धर्मेंद्र को लाया गया, जहां सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी पहुंची। धर्मेंद्र की पत्नी, बहन और पड़ोसी रो–रोकर बेसुध हालत में अस्पताल में मौजूद रहे।​

दिन में था सामान्य, शाम को हुआ हादसा

परिवार के अनुसार, दोपहर में धर्मेंद्र अपनी पत्नी के साथ अस्पताल गए थे, जहां उनकी पत्नी की बहन के यहां बेटी पैदा हुई थी और दोनों ने वहां बधाई दी। पत्नी ने बताया कि उन्होंने वहीं पर धर्मेंद्र को 1100 रुपये भी दिए और कहा कि 200 रुपये दे दो, जिस पर वह बोला “कोई नहीं, बहन रख रही है”, फिर वह घर वापस आ गया और उसके बाद क्या हुआ, परिवार को पता नहीं चला।​

पत्नी नौकरी पर चली गई थीं, धर्मेंद्र घर पर अकेले थे। रात को जब पत्नी काम से वापस लौटीं, तो घर का गेट अंदर से बंद मिला। पड़ोसियों की मदद से गेट खुलवाया गया, तो देखा कि धर्मेंद्र ने फांसी लगा रखी थी। पड़ोसी और बहन ने बताया कि सूचना मिलते ही वे तुरन्त अस्पताल पहुंचे, लेकिन धर्मेंद्र की जान नहीं बच सकी।​

“एक महिला लोन के लिए पीछे पड़ी थी” – पत्नी का गंभीर आरोप

धर्मेंद्र की पत्नी अनीता ने आरोप लगाया कि 15–20 दिन पहले की बात है, चांस लाइन क्षेत्र में रहने वाली पूजा नाम की एक महिला उनके पति के पीछे “लोन दिलवाने” को लेकर लगी हुई थी। पत्नी के अनुसार, उस महिला ने धर्मेंद्र से कहा था कि लोन पास करवा दो, लेकिन उन्होंने (पत्नी ने) मना कर दिया कि “मैं लोन नहीं पास करवाऊंगी”, जिसके चलते घर में झगड़ा भी हुआ और धर्मेंद्र ने उन्हें मारा भी था।​

पत्नी ने यह भी बताया कि उस महिला के पास धर्मेंद्र का पहले से 500 रुपये (या कुछ सौ रुपये) पड़े हैं, जो लगभग 7 साल से वापस नहीं किए गए थे, “फिर भी वह पीछे पड़ी हुई थी लोन कराने को लेकर।” पड़ोसी महिला ने भी यही बात दोहराई कि परिवार के अनुसार “लोन का चक्कर” और उस लेडी का दबाव धर्मेंद्र के टेंशन की एक बड़ी वजह बताया जा रहा है, और “इसी के बाद उसने शराब भी पीना शुरू कर दिया था।”​

“ना बच्चे, ना मां–बाप – पूरी तरह टूटी पत्नी”

पड़ोसी महिला ने बताया कि धर्मेंद्र और उसकी पत्नी के कोई बच्चे नहीं थे, “एक भी नहीं”, और धर्मेंद्र के मां–बाप भी नहीं हैं। पड़ोसी के अनुसार, धर्मेंद्र की बहन ने ही उसे अपने पास रखकर पाला–पोसा, पढ़ाया–लिखाया और बड़ा किया था, “अब इतनी मेहनत के बाद उसकी डेथ हो गई, इसकी जिंदगी बर्बाद हो गई।”​

अस्पताल में मौजूद दृश्य बेहद भावुक थे – पत्नी और बहन दोनों बार–बार बेहोश होने की स्थिति में दिखाई दीं और पड़ोसी भी इस घटना को “बहुत ही दुखद” बताते नजर आए।​

पुलिस की जांच शुरू, पोस्टमार्टम सुबह होगा

सूचना मिलने पर पुलिस टीम सरकारी अस्पताल पहुंची। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें नंबर 4 चौकी से सूचना प्राप्त हुई कि “धर्मेंद्र ने फांसी लगाई है और उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।” फिलहाल पुलिस ने प्रारंभिक बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है और कहा कि “अभी जो परिवार बता रहा है, उसे लिखकर जांच की जाएगी, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।”​

पुलिस के अनुसार, धर्मेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए करनाल के सरकारी अस्पताल में रखवाया गया है और सुबह पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार/पत्नी के विस्तृत बयान के आधार पर ही आगे कानूनी कदम तय होंगे।​

मानसिक दबाव और आर्थिक/लोन विवाद पर उठे सवाल

हालांकि मौत के सटीक कारणों की पुष्टि पुलिस जांच और पोस्टमार्टम के बाद ही हो सकेगी, लेकिन परिवार और पड़ोसियों के बयानों से यह साफ झलकता है कि धर्मेंद्र किसी “लोन के चक्कर” और संबंधित महिला के दबाव के चलते तनाव में था। पत्नी ने साफ कहा कि “वह पीछे पड़ गई थी लोन कराने को लेकर, हम मना कर रहे थे, उसी के बाद से घर में झगड़े बढ़े।”​

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि आर्थिक दबाव, अवैध या दबाव वाले लोन, और निजी रिश्तों की जटिलताओं के बीच फंसे लोग किस तरह मानसिक तनाव में आकर इतने चरम कदम उठा लेते हैं।​

फिलहाल पुलिस जांच जारी है, और परिवार इस उम्मीद में है कि धर्मेंद्र की मौत के पीछे जो भी सच्चाई है, वह सामने आए और यदि किसी के दबाव या उत्पीड़न की भूमिका साबित होती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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