अतिथि अध्यापकों ने साफ कहा है कि जब तक समान काम समान वेतन लागू नहीं हो जाता और गेस्ट टीचरों को नियमित करने के आदेश जारी नहीं होते तब तक धरना जारी रखा जाएगा। अतिथि अध्यापकों का कहना है कि किसी आश्वासन पर वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। रविवार को भी अध्यापक जिला सचिवालय के सामने धरने पर बैठे। महिला अतिथि अध्यापकों ने सरकार पर धोखा देने के आरोप लगाए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को विफल बताते हुए अध्यापकों ने कहा कि भाजपा सरकार पढ़ी लिखी बेटियों का रोजगार छीन रही है। ऐसे मेें लोग अपनी बेटियों को पढ़ाना बंद कर देंगे।
जिला सचिवालय के सामने हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले धरने पर पहुंची महिला अध्यापक कोमल कांबोज ने कहा कि 12 वर्षों से अधिक का समय उन्हें अतिथि अध्यापक के तौर पर कार्य करते हुए बीत गया है। इस लंबे कार्यकाल के दौरान सैकड़ों बार गेस्ट टीचर प्रदर्शन कर विरोध जता चुके हैं। एक महिला अध्यापक तो जान भी गंवा बैठी। इसके बावजूद सरकार होश में नहीं आ रही। आज बापौली ब्लाक से विनोद कुमार और रामनाथ धरने पर बैठे। विनोद ने कहा कि सरकार आने पर पहली कलम से नियमित करने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार आज गेस्ट टीचरों को घर बैठाने पर तुली हुई है। नियमित करना तो दूर रोजगार छीनने का भी प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने भी अपने वायदे के अनुसार वहां के गेस्ट टीचरों को पक्का करने का बिल पास किया है। लेकिन प्रदेश सरकार खुद के वायदे को भूले बैठी है। शिक्षक अपने हक लेने के लिए सभी प्रकार के संघर्ष के लिए तैयार हैं।