December 7, 2025
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करनाल,1 जुलाई: प्रदशभर की अनाज मंडियों में फसल बिक्री के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर आगामी 7 जुलाई को पंचकुला स्थित हरियाणा राज्य मंडीकरण बोर्ड के मुख्य प्रशासक को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यह निर्णय करनाल के अर्जुन नगर स्थित दीनबंधु सर छोटू राम किसान भवन में आयोजित की गई बैठक में लिया गया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के तत्वाधान में आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता प्रेमचंद शाहपुर ने की।

संचालन पूर्व जिला महामंत्री सुरेंद्र बैनीवाल ने किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष रतनमान, किसान नेता महताब कादियान, यशपाल राणा, शाम सिंह मान विशेष तौर पर मौजूद थे। प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि फसलों की तुलाई के लिए मंडियों में स्केल कांटों की जगह प्रदेश के सभी आढ़तियों की दूकानों पर डिजिटल कांटे लगवाएं जाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि धान की तुलाई प्रति कट्टा 37 किलो 500 ग्राम की भराई की जाती है। जिसकी गणना करने में किसानों को दिक्कत आती है

। इसकी भराई 35 या 40 किलोग्राम किए जाने सहित कई मुद्दों की मांग उठाई जाएगी। रतनमान ने कहा कि गत गेंहू खरीद सीजन के दौरान प्रदेश की अनाज मंडियों में भाकियू की टीमों द्वारा मंडियों में तौल चेक किए गए थे। जिसमें भारी तौल घोटालों का पर्दाफास हुआ था। इसलिए धान खरीद सीजन शुरू होंने से पूर्व मंडियों में डिजिटल कांटे लगवाए जाने की मांग की जा रही है। ताकि तौल में की जानेवाली हेराफेरी से किसानों को बचाया जा सके। मान ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भारत को डिजिटल भारत बनाने के प्रयास कर रहे है।

लेकिन देश में डिजिटल कांटे उपलब्ध होंने के बाद भी पुराने ढर्रे पर मंडियों में फसलों का तौल किया जा रहा है। मान ने कहा कि प्रदेश भर से मंडियों से संबंधित समस्याएं किसानों से एकत्रित की जा रही है। जिनकों ज्ञापन में शामिल किया जाएगा। बैठक के उपरांत रतनमान ने बताया कि गत 22 जून को जींद में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक में जिला कार्यकारिणी व सभी प्रकोष्ठों को भंग कर दिया गया है।

युवा विंग को भी जनरल बाडी में शामिल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द जिला कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस अवसर पर सुरेंद्र सागवान, धनेतर राणा, जोगिंद्र झींडा, बाबू राम, रामफल नरवाल, जोगिंद्र बस्तली, नेकीराम, सतीश रींडल, सत्यवीर तौमर, राजकुमार नोतना सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।

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