करनाल, 3 जुलाई। जिलाधीश उत्तम सिंह ने कहा कि बारिशों के सीजन में हैजा व पीलिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों को प्रबंध करने होंगे। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला में खुले में फल, सब्जी, अन्य खाद्य पदार्थ बेचने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाता है। इसके साथ ही बाजारों और दुकानों का औचक निरीक्षण करने के एसडीएम, सीटीएम, सीएमओ, डीआरओ, डीडीपीओ सहित अन्य अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इन आदेशों की अवहेलना की तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिलाधीश उत्तम सिंह ने जिला में हैजा व पीलिया के संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए जारी आदेशों में कहा है कि बरसात के मौसम में कई सारी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर मानसून में हैजा व पीलिया सबसे अधिक होता है। ये बीमारियां संक्रमित और दूषित पानी से फैलती हंै।
इनकी रोकथाम के लिए पारित आदेशों में खुले में मिठाइयों, मांस, केक, बिस्कुट, ब्रेड, पकोड़े, पके हुए अनाज, चाट, कटी हुई सब्जियों और कटे/अधिक पके फलों की बिक्री, भंडारण और प्रदर्शन पर रोक लगाई है। उन्होंने आदेशों में वस्तुओं को धूल, मक्खियों या किसी अन्य दूषित एजेंटों से पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए ठीक से गेज या उपयुक्त कवर से ढंकने के लिए कहा है। उन्होंने स्टिक के साथ या उसके बिना, बर्फ के गोले, मिनरल वॉटर, शरबत रंग या बिना रंग, सोडा, सिंथेटिक सार के प्राकृतिक नींबू के साथ नींबू पानी और पानी से निर्मित बर्फ की कैंडी और कुल्फी आदि की बिक्री और भंडारण पर भी रोक लगाने के आदेश दिए।
जिलाधीश ने संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को आदेश दिए कि वे किसी भी बाजार, भवन, दुकानों, स्टॉल आदि का निरीक्षण करें और कुछ भी निषिद्ध पाए जाने पर उसे जब्त कर लें, हटा दें या नष्ट कर दें या किसी भी तरीके से निपटान कर दें, जो वे उचित समझें। जिलाधीश ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों के आसपास सभी कुओं पर व्यक्तियों/जानवरों के स्नान, कपड़े, बर्तन धोने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन वाहनों में दस्त और उल्टी से पीड़ित व्यक्तियों को ले जाने पर भी रोक लगाई है।
जिला में बिना पूर्व अनुमति के किसी भी मेले का आयोजन भी प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि हैजा या पीलिया का संक्रमण होने पर संबंधित क्षेत्र के कार्यकारी अधिकारी/सचिव, गांवों के सरपंच के द्वारा हैजा व पीलिया के मामलों की सूचना सिविल सर्जन को 24 घंटे के भीतर दी जाए।