चंडीगढ़, 18 जून – हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज आज फिर अपने चिरपरिचित अंदाज में नज़र आए। उन्होंने आज अपने सदर बाजार स्थित टी पॉइंट पर मित्रों के बीच चाय की चुस्कियां लेते हुए सदाबहार गीत गुनगुनाया।
गौरतलब है कि इससे पहले भी मंत्री अनिल विज अपनी मित्र मंडली की साथ गीत गुनगुनाते है।
सबके रहते लगता है जैसे
कोई नहीं है मेरा
कोई नहीं है मेरा
सबके रहते लगता है जैसे
कोई नहीं है मेरा
कोई नहीं है मेरा
सूरज को छूने निकला था
आया हाथ अँधेरा
कोई नहीं है मेरा
मेरी किस्मत में है ठोकर
यूँ तोह बहोत हैं सहारे
मेरे दिल का दीप बुझा तोह
फिर क्या चाँद सितारे
चांद वाली रात भी काली
चांद वाली रात भी काली
काला है मेरा सवेरा
कोई नहीं है मेरा
सबके रहते लगता है जैसे
कोई नहीं है मेरा
कोई नहीं है मेरा
ओ ओ ओ ओ….
रास्ता ही रास्ता है आगे
न मंजिल न किनारा
जाने कहाँ ले के चली है
मुझको समय की धारा
टूटी नैया बिछडे खिवैया
टूटी नैया बिछडे खिवैया
तुफानो ने घेरा
कोई नहीं है मेरा
सबके रहते लगता है जैसे
कोई नहीं है मेरा
कोई नहीं है मेरा
कोई नहीं है मेरा
कोई नहीं है मेरा.
उल्लेखनीय है कि उक्त गीत 1973 की फिल्म समझौता से हैं और इसके गीतकार इंदिवर तथा संगीतकार कल्याणजी एवं आनंदजी रहे हैं। इसी प्रकार, इस गीत के गायक मोहम्मद रफी रहे हैं।