कीर्ति के मां बाप का यह कहना है कि अब हमारा बच्चा भी आम बच्चों की तरह सुन पायेगा व स्पीच थैरेपी होने के बाद बोलेगा भी। कीर्ति कलायत जिला कैथल की रहने वाली है जो कि 5 साल से मुक-बधिर है, लेकिन अब कॉकलियर इम्प्लांट करवाने के बाद कीर्ति बेहद खुश है इसके लिए कीर्ति के मां बाप ने स्थानीय सैक्टर-7 में स्थित करनाल मैडिकल सेंटर के निदेशक डॉ. संजय खन्ना का धन्यवाद किया और कहा कि अब वह दिन दूर नही जब हर बच्चा बोल और सुन सकेगा।
इस विषय में डॉ. संजय खन्ना ने बताया कि कीर्ति का तथा जपनुर जो कि जिला अम्बाला की रहने वाली है दोनो की कॉकलियर इम्प्लांट की सर्जरी की गई है। उन्होने बताया कि करनाल मैडिकल सेंटर सैक्टर-7 को भारत सरकार की एडीप स्कीम के तहत मान्यता प्राप्त है और कॉकलियर इम्प्लांट करने के लिए भारत सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है।
उन्होनें बताया कि शहरी क्षेत्रों में 9 प्रतिशत तथा ग्रामिण क्षेत्रों में 10 प्रतिशत बच्चों में बहरापन पाया जाता है। बोलने के लिए सुनना बहुत जरूरी है। इस सर्जरी को पुरानी तकनीक से करनें में करीब 5 घंटे लगते थे पर अब नई तकनीक से इस सर्जरी को करीब 3 घंटे लगते है तथा मरीज़ दो दिन के बाद अपने घर जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह सर्जरी पूरी तरह निशुल्क़ है, बस उसके लिए पंजीकरण से संबधित शर्तो का ध्यान रखना जरूरी है। सर्जरी के अवसर पर भोपाल से आए डॉ. एस.पी. दुबे व करनाल मैडिकल सैन्टर से बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तेजिन्दर कौर खन्ना, डा. विवेक गक्खर भी उपस्थ्ति थे।
प्ंाजीकरण करवाने के लिए ये बातें है जरूरी:-
1. बच्चें की उम्र 5 वर्ष से कम होनी चाहिए।
2. उसके परिवार की आय रू0 15000 प्रतिमाह से कम होनी चाहिए।
3. बच्चे का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा प्रदन्त विकलांगता प्रमाण -पत्र होना चाहिए।
4. कॉकलियर इंम्प्लांट सर्जरी से पहले 3 से 6 माह तक सुनने की मशीन का प्रयोग आवश्यक है।