करनाल/दीपाली धीमान : कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस नेता सुरजेवाला द्वारा मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए एक्सीडेंटल शब्द का इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के कार्यकारी वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने पलटवार किया है। आज जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि एक्सीडेंटल पीएम और एक्सीडेंटल सीएम कांग्रेस में होते है।
भाजपा में मुख्यमंत्री योग्यता के आधार पर बनते है। उन्होंने कहा कि रणदीप सिंह सुरजेवाला को पहले कांग्रेस के इतिहास को पढ़ना चाहिए जहां योग्यता की कोई कीमत नहीं होती केवल एक परिवार के प्रति निष्ठा और चापलूस लोगों को ही आगे बढ़ाया जाता है।
सुभाष चंद्र ने कहा कि नायब सैनी ने चुनाव के दौरान जो कड़ी मेहनत की और जनता का विश्वास जीता उसकी मिसाल बहुत कम मिलती है। उन्होंने दिन रात एक कर सर्व समाज को भाजपा के पक्ष में एकजुट किया और प्रचंड बहुमत से हरियाणा में सरकार बनाई। वास्तव में नायब सैनी सर्वजन के नेता हैं। उनके नेतृत्व में अब हरियाणा नॉनस्टॉप विकास के पथ पर आगे बढ़ने जा रहा है।
कोंग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए सुभाष चन्द्र ने कहा कि कांग्रेस के नेता जिस तरीके से टीका-टिप्पणी कर रहे हैं, यह उनके मानसिक दिवालियापन की निशानी है। लोकतंत्र में लोकमत की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए राजनीतिक दलों को राजनीतिक मर्यादा का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुरजेवाला 2019 में जींद उपचुनाव न केवल हारे बल्कि तीसरे नंबर रहे और अपनी जमानत भी बड़ी मुश्किल से बचा पाए। इसके बाद 2019 में कैथल से विधानसभा चुनाव हारे। अब वे राज्यसभा सांसद हैं, वे भी दूसरे प्रदेश से, यहां से कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भी नहीं भेजा।
वाइस चेयरमैन ने कहा कि नायब सैनी 3 बार विधायक बन चुके हैं और एक बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। यही नहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष की कमान भी नायब सैनी संभाल चुके हैं। नायब सैनी ने 2014 में नारायणगढ़ से चुनाव जीता और भाजपा सरकार में मंत्री बने। इसके बाद 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए। 2024 में उन्होंने करनाल उपचुनाव जीता और मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2024 में लाडवा हलके से चुनाव जीता और विधायक दल ने सर्वसम्मति से उन्हें अपना नेता चुना।
उन्होंने कहा कि नायब सैनी एक्सिडेंटल नहीं, बल्कि जन नेता हैं। उनका एक्सिडेंटल कहना जनता का अपमान है, जनता झारखंड और महाराष्ट्र में इसका जवाब कांग्रेस को देगी।