करनाल/दीपाली धीमान : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केन्द्र उंचानी के वैज्ञानिक डॉ विजय कौशिक ने फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के तहत खंड कृषि अधिकारी डॉ गौरव महला तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अंकुर तिवारी के साथ मिलकर रांवर, गंजोगढ़ी, पीपलवाली, शेखूपुर, सोहाना, रसूलपुर, नगला, ढकवाला रोड़ान तथा ढकवाला गुजरान गांवों का दौरा किया।
डॉ कौशिक ने बताया कि इस दौरे के दौरान पूरे खंड में कहीं एएफएल की घटना नजर नहीं आई। रांवर, ऊंचा समाना, ढाकवाला रोड़ान और ढाकवाला गुजरान में किसानों द्वारा पराली प्रबंधन का जायज़ा भी लिया गया। उन्होंने बताया कि इन गांवों में पराली के बैलर द्वारा गठ्ठे बनाये जाने तथा पराली को मिट्टी में मिलाने की क्रियाएं होती हुई पाई गईं।
इस मौके पर वैज्ञानिक डॉ कौशिक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने किसानों से विस्तार से चर्चा की और पराली प्रबंधन के फायदे बताए। डॉ कौशिक ने बताया कि फिलहाल किसान आगजनी नहीं कर रहे है, उनको यह समझना ही होगा कि पराली को जलाने की बजाए उसका प्रबंधन करना ही बेहतर विकल्प साबित होगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी तिवारी और खंड कृषि अधिकारी गौरव महला ने भी आज पराली जलाने की एएफएल नहीं मिलने पर ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने घूम घूम कर किसानों को पराली ना जलाने के लिए जागरूक किया।