करनाल/दीपाली धीमान : पुलिस अधीक्षक करनाल मोहित हाण्डा के निर्देशानुसार आज जिला पुलिस की काउंसलिंग सेल टीम कस्बा निसिंग के राजकीय माडल संस्कृती वरिष्ठ माध्यमिक विघालय और गांव ब्रास में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विघालय में छात्राओं को बालकों के विरूद्व होने वाले अपराधों व उनसे बचाव और आपातकालीन नंबर डायल 112 के महत्व के विषय में विस्तार से बताया।
जिला पुलिस की काउंसलिंग सेल इन्चार्ज महिला निरीक्षक राजेश लता द्वारा छात्राओं को बताया गया कि बच्चे हमारे समाज के सबसे कमजोर सदस्यों में से हैं और यह बहुत प्रकार की हिंसा के शिकार होते हैं। 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के विरूद्व किए गए अपराधों को बच्चों के विरूद्व अपराध माना जाता है।
बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध शारीरिक, भावनात्मक, उपेक्षा व यौन शोषण इत्यादि हो सकते हैं और इनमें हत्या, अपहरण, बाल यौन शोषण, बाल पोर्नोग्राफी या नाबालिगों की यौन तस्करी और परित्याग आदि शामिल हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि इन अपराधों से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बहुत से कानुन बनाए गए हैं जैसे – लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, बालक श्रम अधिनियम 1986, किशोर न्याय अधिनियम 2000, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 इत्यादि।
उन्होंने बच्चों को बताया कि इसके अलावा बच्चों को बहुत से अधिकार भी प्राप्त हैं जैसे- जीवन का अधिकार, नाम का अधिकार, बच्चे से संबंधित मामलों में अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार, विचार, विवके और धर्म स्वतंत्रता का अधिकार, स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार, आर्थिक और यौन शोषण से सुरक्षा का अधिकार व उनके अधिकारों में शिक्षा का अधिकार भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक बच्चे को विकसित होने का अधिकार है जिससे वे अपना पूर्ण सामर्थ्य या क्षमता प्राप्त कर सकें। इन सबके साथ-साथ निरीक्षक लता द्वारा सभी बच्चों को डायल 112 के महत्व से भी अवगत करवाया गया, जिससे वे आपातकालीन समय में अपने लिए या दूसरों के लिए तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।