करनाल /दीपाली धीमान : हरियाणा सिख एकता दल की और से हरियाणा के अलग अलग ज़िलों में इमरजेंसी फ़िल्म पर स्थाई बैन लगाने के लिए उपायुक्त के माध्यम से भारत के गृह मंत्री, केन्द्रीय सूचना एवम् प्रसारण मंत्री, हरियाणा के राज्यपाल, सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक हरियाणा को ज्ञापन दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज करनाल उपायुक्त को भी ज्ञापन दिया गया जो उनकी और से ज़िला रेवन्यू अधिकारी ने लिया।
हरियाणा सिख एकता दल की और से प्रीतपाल सिंह पन्नु, जगदीप सिंह औलख, गुरतेज सिंह खालसा, अमृत सिंह बुग्गा, सूरिंदर पाल सिंह रामगढ़िया, सतिंदर सिंह चट्ठा, कुलवंत सिंह कलेर, जोशपाल सिंह, गुरजंट सिंह, इक़बाल सिंह, जसवंत सिंह, सहित बड़ी संख्या में सिख समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि इस फ़िल्म का संबंध देश के सामाजिक सौहार्द के ताने बाने व सिख समुदाय की भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
फ़िल्म अभिनेत्री व बीजेपी सांसद कंगना रनौत सिख समुदाय के प्रति, देश के किसानों के प्रति अक्सर ज़हर भरे नफ़रती बयान देती रहती है जिसके लिये समय समय पर देश भर में उनके ख़िलाफ़ विरोध हुए व देश के प्रबुद्ध समाज ने उनकी निंदा की। लेकिन सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है जो समय समय पर दिये गये उसके बयानों से समझा जा सकता है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि कंगना रनौत द्वारा निर्मित फ़िल्म में जानभुझकर सिख क़ौम के अक्स व सिखों के किरदार को ग़लत तरीक़े से पेश किया है ताकि अन्य समुदायों में सिखों के प्रति नफ़रत व ग़लत भावना पैदा हो। कंगना रानौत सिख समुदाय व देश के किसानों के प्रति दुर्भावना रखती है व समय समय पर अपने बयानों से खुले आम इसका प्रकटावा भी कर चुकी है।
करनाल के सिख समाज की और से यह माँग की जा रही है कि समाज के भाईचारे को नुक़सान पहुँचाने वाली व सिख समाज के प्रति निर्माता, निर्देशक कंगना रानौत की व्यक्तिगत नफ़रत व कुंठा के कारण सिख क़ौम की छवि को तथ्यों के विपरीत प्रस्तुत करने वाली इस फ़िल्म के प्रसारण को तुरंत प्रतिबंधित किया जाये। आज़ादी की लड़ाई में सबसे अधिक क़ुर्बानियाँ करने वाली, देश के अन्न भंडारों को भरने व देश के उद्योग विकास का बढ़ावा देने व सरहदों पर देश की रक्षा के लिए सर्वाधिक बेटों की जान देने वाली सिख क़ौम पहले ही सरकारों द्वारा लिए जा रहे पक्षपात के कारण ठगा हुआ महसूस कर रही है।
ऐसे में महान सिख क़ौम की ग़लत छवि प्रस्तुत करने वाली यह फ़िल्म ज़ख्मों पर नमक छिड़कने के समान है। सेंसर बोर्ड में कोई भी सिख प्रतिनिधि न होने के चलते पहले भी इस प्रकार के कुटिल प्रयास होते रहे हैं जो चिंता व दुख का विषय है। पूरी दुनिया के सिख समाज की तरह करनाल का सिख समाज भी इमरजेंसी फ़िल्म को बैन करने और कंगना रनौत के ख़िलाफ़ क़ानूनी करवाई की माँग करता है।
हरियाणा सिख एकता दल का कहना है कि हम करनाल में किसी भी हालत में यह फ़िल्म नहीं चलने देंगे व अगर सिख भावनाओ को नज़रअन्दाज़ कर अगर इस फ़िल्म को जारी किया जाता है तो संभावित टकराव व विरोध प्रदर्शन के लिए फ़िल्म निर्माता कंगना रनौत, सेंसर बोर्ड व सरकार और प्रशासन ज़िम्मेदार होंगे।