करनाल/कीर्ति कथूरिया : प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप स्कीमो का पात्र व्यक्तियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसके लिए जिला नगर आयुक्त नीरज कादियान ने नगर निगम के संयुक्त आयुक्त व नगरीय परियोजना अधिकारी के साथ सोमवार को एक बैठक कर प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पी.एम.ए.वाई-यू), प्रधानमंत्री स्ट्रीट वैंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) स्कीम तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एन.यू.एल.एम.) जैसी महत्वपूर्ण स्कीमो की समीक्षा की।
जिला नगर आयुक्त ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस स्कीम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाए। उन्होंने ऐसी महिलाओं की सेविंग बढ़ाने पर भी जोर दिया और कहा दिए कि जो महिलाएं सरकार की दूसरी स्कीमों में भी काम शुरू करना चाहती हैं, उन्हें उनकी भी जानकारी दी जाए। एनयूएलएम के अंतर्गत स्व रोजगार
कार्यक्रम-1 की जानकारी देते जिला नगरायुक्त ने बताया कि सालाना 1 लाख 80 हजार रूपये वार्षिक आय तक के परिवार के सदस्य को 2 लाख रूपये तक का तथा समूह को 10 लाख रुपये तक का ऋण दिलवाया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला भर में 13 व्यक्तियों को 2 लाख रुपये तक तथा एक समूह को 10 लाख रुपये तक का ऋण विभिन्न बैंको से दिलवाया गया है। इसके अतिरिक्त जिला भर में 27 स्वयं सहायता समूह तथा 4 एरिया लेवल फेडरेशन का गठन किया गया है। निगमायुक्त ने नगर पालिका क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह बनाने को लेकर निर्देश दिए और कहा कि लक्ष्य को चालू मास में पूरा करें।
बैठक में उन्होंने बताया कि पीएम स्वनिधि स्कीम, प्रधानमंत्री द्वारा कोविड के दौर में ऐसे रेहड़ी-पटरी वालों के लिए शुरू की गई थी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हो गए थे। उनका काम-धंधा दोबारा शुरू करवाने के लिए 10 हजार रूपये का ऋण देने की सुविधा दी गई थी। जो व्यक्ति नियमित रूप से ऋण की किश्तें चुका देता है, उसे 20 हजार रूपये का लॉन और 20 हजार रूपये के लोन की भी नियमित किश्तें चुकाने वाले वैंडर को 50 हजार रूपये का ऋण दिया जा रहा है।
खास बात यह है कि इस स्कीम में ऋण के ब्याज पर आकर्षक सब्सिडी दी जाती है, जिसमें 7 प्रतिशत केन्द्र की ओर से और 2 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अब तक करनाल जिला में 18 हजार 790 स्ट्रीट वैंडरों को प्रायोजित किया गया है। इनमें से 10 हजार 970 रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रूपये, 2193 को 20 हजार तथा 806 को 50 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, हाऊसिंग फॉर आल यानि सभी के लिए घर के कॉन्सैप्ट को लेकर शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत नया मकान बनाने को लेकर 2 लाखर 50 हजार रुपये तथा मकान विस्तार करने को लेकर 1 लाख 50 हजार रुपये अनुदान राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि करनाल जिला में कुल 2136 लाभार्थियों को आशय पत्र जारी किए गए। इसके अतिरिक्त 2062 लाभार्थियों को पहली, 1917 को दूसरी तथा 1629 को तीसरी किश्त जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 43 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की जा चुकी है।
उन्होंने संयुक्त आयुक्त को निर्देश दिए कि वे मास में दो बैठकें लेना सुनिश्चित करें और इम्प्रूवमेंट चेक की जाए। प्रोग्रेस को ओर अधिक बढ़ाया जाए। बैठक में उपस्थित कर्मचारियों को निर्देश दिए कि उपरोक्त स्कीमों का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले, इसके लिए निजी रूचि लेकर काम करें।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर कार्य को करें तथा रिजल्ट लेकर आएं। लाभार्थियों को घर निर्माण की तीनो किश्तों की पेमेंट समय पर मिले। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कीम का लाभ लेने वाले आवेदकों के केस पैंडिंग नहीं रहने चाहिए। अगर बैंक स्तर पर लंबित है तो शाखा प्रबंधक से बात कर उसे करवाया जाए।
बैठक में संयुक्त आयुक्त जसपाल सिंह गिल, नगरीय परियोजना अधिकारी प्रवीन चुग, सहायक परियोजना अधिकारी तुषार खन्ना मौजूद रहे।