अन्तर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ के तत्वाधान में इस्कॉन प्रचार समिति, करनाल में महाराज श्री साक्षी गोपाल दास जी व्यासपीठ पर विराजमान हुए। संस्था के सदस्यों, मुख्य अतिथि ने महाराज श्री का माल्यापर्ण करके स्वागत किया। कथा व्यास श्रीमद साक्षी गोपाल दास महाराज जी अध्यक्ष इॅस्कान कुरुक्षेत्र ने प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान कहते हैं कि मुझे चुनो या माया को चुनो, भगवान से जुडऩा ही योग है। ज्ञान योग, भक्ति योग से उत्तम योग सर्वश्रेष्ठ है। भगवान कहते हैं कि जो मेरे प्रति निष्ठावान होकर मेरी पे्रममयी सेवा करता है भक्ति योग करके मेरी भक्ति में लगा रहता है
मेरी सेवा करता है वो मेरा प्रिय हो जाता है और मैं उसका प्रिय हो जाता हूं। जय-विजय का वर्णन करते हुए जय-विजय के लिए भगवान ने कहा कि 7 जन्म में मृत्यु लोक में मित्र बनकर या 3 जन्म में मेरे शत्रु बनकर रहो तो जय-विजय ने प्रार्थना की कि हम आपसे दूर नहीं रह सकते। भगवान की इच्छा से जय-विजय का मृत्यु लोक में आना हुआ। भगवान ने जय-विजय को बैकुण्ठ से मृत्यु लोक में भेज दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि और गणमान्य लोगों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात भागवत भगवान की आरती की गई और ततपश्चात भण्डारा लगाया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सत्यपति दास, भक्तिरस, आदि विराहदास, सतपाल गुप्ता, चंद्रमोहन जुनेजा, भारत मुंजाल, सुभाष गुरेजा, श्याम सुंदर, विजय कृष्ण दास, दीप नारायण दास, सुरेश कालड़ा मौजूद रहे।