October 7, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया :  ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के आह्वान पर इस रैली को प्रमुख रूप से यूनियन के प्रांतीय महासचिव विनोद कुमार, अध्यक्ष देवी राम, सीटू के प्रांतीय महासचिव जय भगवान और नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश शास्त्री ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि राज्य में 17 साल से सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं लेकिन आज तक भी सरकार ने पक्के नहीं किया, 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में 15 हजार वेतन देने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार ने वेतन में भारी गैरबराबरी पैदा करके सफाई कर्मचारी विरोधी होने का सबूत दिया है।

हरियाणा के 22 जिलों के 11 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। लेकिन सरकार हठधर्मिता पर उतरी हुई है। सरकार वार्ता करके मसलों का समाधान करने की बजाय आंदोलन को लम्बा खिंचकर तोड़ने की नीति अपना रही जिसको किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

मजदूर और कर्मचारी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री जनसंवाद करते घुम रहे तो दूसरी तरफ सड़कों पर बैठे ग्रामीण सफाई कर्मियों से वार्ता करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा आंदोलन को लम्बा खिंचकर थकाने और डराने की है लेकिन आंदोलन न डरने वाले हैं तो न थकने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता करके ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाए और पक्का करे वरना ये आंदोलन और ज्यादा तेज होगा।

रैली को यूनियन नेताओं जोगेंद्र सिंह, बसावु राम, सीटू प्रदेश उपाध्यक्ष सतवीर सिंह, जिला सचिव जगपाल राणा, खेत मजदूर यूनियन राज्य अध्यक्ष जगमाल सिंह, दलित अधिकार मंच के प्रांतीय संयोजक रामकुमार बहबलपुरिया, सर्व कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष सुशील गुज्जर आदि ने भी संबोधित किया।

उन्होंने प्रदेश सरकार पर दलित विरोधी सरकार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल में 300 से ज्यादा सफाई कर्मचारी सफाई कार्य के दौरान अपनी जान गवा चुके हैं परंतु सरकार झूठी वाहवाही में लगी हुई है। अब यही हालत ग्रामीण इलाको में हो चुके हैं।

हड़ताल से बाधित होने वाले सफाई कार्य से अगर सरकार बचना चाहती है और सफाई कर्मियों के प्रति अपनी कोई हमदर्दी रखती है तो सरकार वार्ता करके माँगों और समस्याओं का समाधान करे। सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सैमण ने कहा कि यह सरकार लुटेरों और फूटपरस्तओ की है।

जो देहाती अर्थव्यवस्था और वंचित तबको के अधिकारों को पूरी तरह कुचलना चाहती है। उन्होंने रैली में हड़ताली सफाई कर्मचारियों को खुला समर्थन का एलान करते हुए कहा कि हमें व्यापक एकता बनाकर इस सविधान विरोधी सरकार के खिलाफ मजबूती से लड़ना होगा।

रैली का बाद जुलूस निकाला गया। प्रदेश सरकार के संवेदनहीन रवैए के खिलाफ पंचायत मंत्री के आवास पर 31 अक्टूबर को 24 घंटे का पड़ाव करने का फैसला किया गया। 10 अक्टूबर से जारी हड़ताल 30 नवंबर तक बढ़ाने का फेसला किया गया।

 

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