December 23, 2024
ced

करनाल/कीर्ति कथूरिया : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जसबीर कौर की अध्यक्षता में मॉडल प्रॉसिक्यूशन काउंसल स्कीम के तहत गठित कोर कमेटी की त्रैमासिक बैठक हुई।

बैठक में उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय नायब सिंह, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष उमेश चानना, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री रीना कादियान, अंशुल चौधरी, डॉ. मीनाक्षी गुप्ता, पैनल अधिवक्ता उपस्थित थे।

मॉडल प्रॉसिक्यूशन काउंसल स्कीम के तहत लापता बच्चों के लिए योजना पर चर्चा करने के लिए 2022 की रिट याचिका सिविल संख्या 427-बचपन बचाओ आंदोलन बनाम भारत संघ और अन्य के संदर्भ में संशोधित आदर्श अभियोजन परामर्श योजना को लागू करने के संबंध में आयोजित किया गया था।

पुलिस अधीक्षक, करनाल द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान माह सितम्बर, 2023 तक गुमशुदा बच्चों के 197 प्रकरण दर्ज किये गये थे, जिनमें से 120 प्रकरण बरामद किये गये तथा 02 प्रकरण एंटी ह्यूमन को हस्तांतरित किये गये. तस्करी इकाइयां चार महीने से अधिक समय से चल रही हैं।

चर्चा की गई कि सभी एसएचओ/पुलिस थानों के प्रभारी को निर्देशित किया जाना चाहिए कि वे महिला/पीडि़त महिला/बाल पीडि़त या कोर कमेटी के अधिवक्ता सदस्यों (गुमशुदा बच्चों के मामले में) की महिला कानूनी सहायता अभियोजन परामर्श मामले को तुरंत सूचित करें।

इस संबंध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल ने खुलासा किया कि मामला पहले ही पुलिस अधीक्षक, करनाल के संज्ञान में लाया जा चुका है कि मॉडल प्रॉसिक्यूशन काउंसिल स्कीम को लागू करने के लिए महिला पैनल अधिवक्ताओं को पहले ही प्रतिनियुक्त किया जा चुका है।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और अन्य अपराधों के पीड़ितों के लिए और जब भी आवश्यक हो, पुलिस स्टेशन में पीडि़तों को कानूनी सहायता देने का भी निर्देश दिया है। हालांकि, पीडि़तों की काउंसलिंग के संबंध और काउंसलिंग के अनिवार्य प्रावधान को पूरा नहीं किया जा रहा है।

यह अनुरोध किया गया है कि पुलिस स्टेशनों के सभी एसएचओ को निर्देश दिया जाए कि जब भी कोई मामला पुलिस स्टेशन के समक्ष रिपोर्ट किया जाए तो बलात्कार और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अन्य अपराधों के पीडि़तो को परामर्श प्रदान करने के लिए संबंधित महिला पैनल अधिवक्ताओं को बुलाएं और यह भी अनुरोध किया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और अन्य अपराधों के पीडि़तो के संबंध में पुलिस थानों के समक्ष रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या के संबंध में मासिक रिपोर्ट भी इस प्राधिकरण को संबंधित तिमाही में अग्रेषित करने के लिए भेजी जा सकती है।

इस बात पर भी चर्चा की गई कि कोर कमेटी के अधिवक्ता सदस्य संबंधित थानों से फोन आने पर थानों का दौरा करेंगे। पीडि़तों के साथ बातचीत करते हुए, पैनल एडवोकेट उन्हें संवेदनशील बनाएंगे कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के शिकार को कानूनी सहायता की आवश्यकता है, फिर उन्हें कानूनी सहायता परामर्श प्रदान किया जाएगा।

यह भी निर्णय लिया गया कि गुमशुदा बच्चों की पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज होने पर संबंधित पुलिस स्टेशन में तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल के कार्यालय को सूचना भेजी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.