भारतीय किसान यूनियन की मासिक मीटिंग गांव छपरा खेड़ा में चौधरी बाबु राम काम्बोज एवं चौधरी सुलतान सिंह उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई। मिटिंग में किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर विचार किया गया। मुख्य रूप से प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने भाग लिया। आज मीटिंग में किसानों ने कहा है कि जो भी सरकारें आई, सभी ने किसानों का शोषण किया, फसलों के लागत के आधार पर लाभकारी मुल्य नहीं दिये गये और सब्जी वाली फसलों के तो न्यूनतम समर्थन मूल्य के बगैर ही व्यापारियों के हाथों लुटने के लिए छोड़ दिया गया। किसानों को सब्जीयों के भाव 50 पैसे से लेकर 2 रूपये तक खरीदी जाती हैं लेकिन खाने वाले को वो ही सब्जी 20 रूपये से 50 रूपये तक बेची जाती हैं। व्यापारियों की तरफ से सब्जियों पर आढ़त 10 प्रतिशत ली जाती है जिससे किसान की आर्थिक हालत कमजोर होती गई और इसी प्रकार से दूसरी फसलों का न्यूनतम समर्थक मूल्य है मण्डियों में लूट लिया जाता है। आज किसान के सामने आर्थिक स्थिति कमजोर होने के वजह से कर्जे को वापिस करना भी मुश्किल हो चुका है और इस को न चुका पाने पर किसान समाज में अपने आप को अपमानित समझता है और आत्महत्या करने की सोच लेता है। भारतीय किसान यूनियन किसानों से आह्वान करती है कि कोई भी किसान कर्जे की एवज में आत्महत्या न करे और इसके खिलाफ संघर्ष करे चाहे वो सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा जबरदस्ती किसानों पर लादे गये टैक्स, जुर्माने आदि क्यों न हों। आजकल देखने में आया है कि बिजली विभाग के अधिकारी लोगों पर झूठे जुर्माने करने में गौरान्वित महसूस करते हैं जब बिजली मीटर विभाग के बाहर हैं तो आम आदमी डायरेक्ट चोरी कैसे कर सकता है। गाँव में बिजली की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। रात को भी 5-6 बिजली दी जाती है और दिन में तो इसके दर्शन भी नहीं होते। यदि इन विभागों की तानाशाही यूँ ही चलती रही तो प्रांत में एक बड़ा आंदोलन शुरू हो जायेगा। ये आंदोलन 1993 में हुए आंदोलन की ओर अग्रसर हो रहा है। आज भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि 7 जनवरी को लखपत व मामचंद का शहीदी दिवस गाँव पपनावा में बहुत जोर-शोर से मनाया जायेगा।
किसानों की मांगे :-
1. किसानों ने मांग की है कि खादर एरिये का पानी लगातार घटता जा रहा है तो इन्द्री स्कैप में पानी छोड़ा जाए और उसके साथ यमुनानगर से आने वाला गंदे नाले को बंद करके जमुना में गिरने से रोका जाए ताकि पशुओं के पीने और मेले आदि में यमुना में नहाने के लिये पानी की आवश्यकता होती है जोकि अशुद्ध होने के कारण हम इसमें नहा नहीं सकते।
2. सब्जियों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से जोड़ा जाए और टयूबवैलों को दिन में 12 घण्टे बिजली दी जाए।
3. 1964 में बना दीक्षित अवार्ड यूपी व हरियाणा में जमीन के बंटवारे का है उस जमीन का मालिकाना हक उसी प्रदेश को दिया जाये जिसकी वो जमीन है और इसका फैसला जल्दी हो।
4. आवर्धन नहर में से रजवाहे मंजूर किये हुए हैं क्योंकि खादर एरिये का पानी लगातार घटता जा रहा है इसमें से हमें खेती के लिये पानी दिया जाये ताकि यहां के पानी ऊपर आ सके।
5. किसानों को 60 साल के बाद कर्मचारी की तरह पैंशन दी जाए व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए।
इस मिटिंग में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष सेवा सिंह आर्य, जिलाध्यक्ष सुखा सिंह लागर, ब्लाक प्रधान चौ. बाबूराम, ब्लाक उपप्रधान सुलतान सिंह, सैक्रेट्री पं. अर्जुन सिंह, निसिंग ब्लाक प्रधान स. मलूक सिंह, भीम सिंह, अंग्रेज सिंह, नाथी राम, प्रचार मंत्री मलखान सिंह, राजकुमार, जसमेर सिंह, हरी सिंह हरीराम, गुरदीप सिंह सरपंच खेड़ा, खजान सिंह, सूरजभान, मांगे राम शर्मा आदि उपस्थित थे।