करनाल/कीर्ति कथूरिया : देवी मां बगलामुखी का जन्मोत्सव मंदिर मां बगलामुखी रामदेव कालोनी सेक्टर तीन में हर्षोल्लास से मनाया गया। संपूर्ण कार्यक्रम मंदिर के पुजारी अनिल शर्मा की देखरेख में हुआ। हवन यज्ञ के साथ धार्मिक उत्सव की शुरूआत हुई।
करनाल के साथ-साथ आसपास के जिलों से श्रद्धालु मां बगलामुखी का जन्मोत्सव मनाने पहुंचे। सुबह से शाम तक हवन यज्ञ हुआ। तीनों समय भंडारा लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। मुख्य यजमान के रूप में ज्ञान अरोड़ा और गौरव अरोड़ा ने शिरककत की। लोगों ने मां बगलामुखी के समक्ष नतमस्तक होकर मनोकामनाएं मांगी।
इस मौके पर पुजारी अनिल शर्मा ने कहा कि बगलामुखी जयंती हर वर्ष वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह वही दिन है जिस दिन देवी बगलामुखी अवतरित हुई थी। सच्ची आस्था और सही विधि से पूजा की जाए तो बगलामुखी देवी अपने भक्तों को शत्रुओं से जुड़ी तमाम समस्याओं से दूर रखती हैं।
उन्होंने कहा कि 10 विद्याओं में से आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी को माना जाता है। यदि सारे ब्रह्मांड की शक्तियां मिल भी जाए तो वह मां बगलामुखी का मुकाबला नहीं कर सकती। मां बगलामुखी को पीला रंग बेहद प्रिय है, इसलिए उन्हें पितांबरी भी कहा जाता है।
इस अवसर पर अश्वनी पंडित, वैभव शर्मा, ईशांत शर्मा, उदय शर्मा, चांद कुमार, कुलदीप शर्मा, प्रवीण कुमार, गुलशन, शीला रानी, मोना शर्मा व अंकिता शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।।देवी मां बगलामुखी का जन्मोत्सव मंदिर मां बगलामुखी रामदेव कालोनी सेक्टर तीन में हर्षोल्लास से मनाया गया।
संपूर्ण कार्यक्रम मंदिर के पुजारी अनिल शर्मा की देखरेख में हुआ। हवन यज्ञ के साथ धार्मिक उत्सव की शुरूआत हुई। करनाल के साथ-साथ आसपास के जिलों से श्रद्धालु मां बगलामुखी का जन्मोत्सव मनाने पहुंचे। सुबह से शाम तक हवन यज्ञ हुआ। तीनों समय भंडारा लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। मुख्य यजमान के रूप में ज्ञान अरोड़ा और गौरव अरोड़ा ने शिरककत की। लोगों ने मां बगलामुखी के समक्ष नतमस्तक होकर मनोकामनाएं मांगी।
इस मौके पर पुजारी अनिल शर्मा ने कहा कि बगलामुखी जयंती हर वर्ष वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह वही दिन है जिस दिन देवी बगलामुखी अवतरित हुई थी। सच्ची आस्था और सही विधि से पूजा की जाए तो बगलामुखी देवी अपने भक्तों को शत्रुओं से जुड़ी तमाम समस्याओं से दूर रखती हैं।
उन्होंने कहा कि 10 विद्याओं में से आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी को माना जाता है। यदि सारे ब्रह्मांड की शक्तियां मिल भी जाए तो वह मां बगलामुखी का मुकाबला नहीं कर सकती। मां बगलामुखी को पीला रंग बेहद प्रिय है, इसलिए उन्हें पितांबरी भी कहा जाता है।
इस अवसर पर अश्वनी पंडित, वैभव शर्मा, ईशांत शर्मा, उदय शर्मा, चांद कुमार, कुलदीप शर्मा, प्रवीण कुमार, गुलशन, शीला रानी, मोना शर्मा व अंकिता शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।