। सरकार को चाहिए कि ऐसी किसी भी फिल्म को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए जिससे किसी वर्ग, जाति या समूहों की भावनाएं आहत हों और विवाद पैदा हो। यह विचार नैशनलिस्ट कांगे्रस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चौधरी वेद पाल ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रकट किये।
उन्होंने कहा कि पदमावती भारतीय रानी के साथ-साथ एक विरांगणा भी थी और भारतीय इतिहास में बहुमुखी प्रतिभा की आदर्श नारी थी, उसके चरित्र के साथ छेडछाड करना, उन्हें उपहासजनक रूप में पेश करना या उसे असलियत से दूर निम्र स्तर पर दिखाना ना केवल दुर्भाग्यपूर्ण है अपितू भारतीय नारी का अपमान भी है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली को फिल्म बनाने से पहले इतिहास को पढऩा चाहिए था और भारत की गौरवमयी परम्परा को समझ कर फिल्म बनानी चाहिए थी। यदि वे ऐसा करते तो राजपूत जाति के लोगों को विरोध व अन्यायपूर्ण फिल्मांकन के विरूध सडक़ों पर ना उतरना पड़ता और स्थिति विस्फोटक नहीं बनती।
चौधरी वेद पाल ने कहा कि मौजूदा सरकार जनता की आवाज की अनदेखी कर रही है और जन-विरोधी व किसान विरोधी फैसले ले रही है। उन्होने कहा कि सरकार ‘मूडी’ की धरातलहीन रिर्पोट का जोर-शोर से मिडिया में प्रचार करके जीएसटी व नोटबंदी पर आम जनता व व्यापारियों की आवाज और भावनाओं को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसान व्यापारी व आम आदमी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों व कर प्रणाली से असहज व दु:खी है और उसका निराकरण करने में सरकार पूरी तरह विफल है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरन्त जनता को राहत पहुंचाने वाले फैसले करने चाहिए और पदमावती फिल्म पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना चाहिए अन्यथा एनसीपी हर मंच पर इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने के लिए विवश हो जायेगी।
इस अवसर पर ओम प्रकाश बख्शी प्रदेश महामंत्री, राणा महिपाल सिंह टयोठा प्रदेश महासचिव, विजय पाल एडवोकेट मिडिया प्रभारी, विकास राणा, रिन्कु राणा, दीपक राणा, मंदीप राणा, शेर सिंह सैनी, जयमल कश्यप, स.कुलदीप सिंह चीमा, मुकेश मैहता, अभिनन्दन पाल, उदित अरोड़ा, दीपक भट्ट सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। सभी ने हाथ उठाकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।