करनाल जेल में सलाखों के पार मना भैया दूज ,कैदियों को उनकी बहनों ने लगाया तिलक, पहली बार भाई बहनों के बीच बनी सलाखों की दीवार हटी, नम आँखों से बहनों ने की भाइयों की लम्बी उम्र की कामना, जेल प्रशाशन ने बहनों को भाइयों से मिलाने के किये विशेष इंतजाम !
भैया दूज यूँ तो सभी भाइयों के लिए एक विशेष दिन होता है इस दिन का बहने भी बड़ी बेसब्री से इन्तजार करती हैं ! लेकिन भाई जब जेल की चार दीवारी में बंद हो तो बहनों के लिए उनकी सलामती की दुआ करना और भी जरुरी हो जाता है ! करनाल जेल प्रशाशन ने भी इस बार भैया दूज को श्रद्दा और परम्परागत ढंग से मनाने के ख़ास इंतजाम किये ! यही कारण था की बहनों ने पहली बार अपने कैदी भाइयों को सलाखों की दीवार से दूर बिना किसी बाधा के तिलक लगाया !
इस अवसर पर करनाल जेल में आई बहनों ने जेल प्रशाशन की पहल का स्वागत करते हुए कहा की उन्हें अपने भाइयों से मिलकर जो ख़ुशी हासिल हुई है उसे शब्दों में ब्यान नहीं किया जा सकता, उस पर जेल प्रशाशन ने उन्हें खुला वातावरण प्रदान कर दोहरी ख़ुशी दी है ! यूँ तो जेल में हर साल त्यौहार के दिन कैदियों को अपने परिजनों से मिलाने के इंतजाम किये जाते हैं लेकिन इस बार सलाखों की दीवार हटा कर मानवीयता के नाते भाई बहनों को पारम्परिक भैया दूज मनाने के ख़ास इंतजाम से जेल प्रशाशन और परिजन दोनों ही खुश नजर आये ! नम आँखों से बहनों ने जब अपने कैदी भाइयों को तिलक लगाया तो पूरा माहौल भावुक हो गया !