November 22, 2024

करनाल (भव्य नागपाल): एसडीएम नरेन्द्र मलिक ने किसानों से गांव सलारू व कम्बोपुरा के किसानों से अपील की कि वे धान के अवशेष ना जलाए,प्राकृतिक को प्रदूषण से बचाने में सहयोग करें। यह सभी प्राणियों के जीवन के लिए हितकारी होगा। एसडीएम ने सलारू और कम्बोपुरा में किसानों की बैठक आयोजित करके उन्हें फसल अवशेष जलाने से होने वाली हानि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अवशेष जलाने से जहां प्राकृति में प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है, वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। फसल अवशेष जलाने से खेतों से मित्र कीटों का नुकसान होता है, इतना ही नहीं मनुष्य में श्वास व त्वचा रोग फैलते है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे समाज हित में पर्यावरण को बचाए। इसके लिए IPC की धारा 188 की सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत सजा व जुर्माने का प्रावधान है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने के लिए फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों पर कानून के अनुसार दो एकड़ भूमि तक 2500 रूपये, दो एकड़ से पांच एकड़ भूमि तक 5000 रूपये तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15 हजार रूपये के जुर्माने का प्रावधान है तथा दोषी के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।

इस बैठक में तहसीलदार श्याम लाल ने भी किसानों को फसलों के अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। कृषि विकास अधिकारी ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि ट्रबो हैप्पीसीडर व जीरो ड्रील मशीन के द्वारा फसल अवशेषों को जमीन की सतह पर रखते हुए गेंहू,धान व अन्य फसलों की बिजाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों के साथ 10 से 15 किलो ग्राम यूरिया खाद डालने से अच्छी जैविक खाद बनती है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से किसानों को फायदा होने की बजाए नुकसान अधिक होता है। इस मौके पर सलारू व कम्बोपुरा के किसान उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.