करनाल,: कांग्रेस के जिला संयोजक स. तरलोचन सिंह ने कहा है कि हरियाणा में जिस तरह से पंजाब और हरियाणा के किसानों पर प्रदेश सरकार की पुलिस ने जुल्म ढहाए हैँं। उन पर अमानवीय अत्याचार किया हैं। यह अपराध अक्षम्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल बिज को देश और प्रदेश से कान पकड़ कर माफी मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले दि ल् ली जाकर अपनी बात कहने के लिए दि ल् ली जाने वालने हरियाणा के किसान नेताओं को अमानवीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया।
उसके बाद पुलिस ने पंजाब और हरियाणा के किसानों पर भरी सर्दी मेंं पानी की बौछारे मारी, लाठी चार्ज किया। पथराव किया। इस घटनाक्रम ने संसार के सभी तानाशाहों को पीछे छोड़ दिया। इसका परिणाम सरकार को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अब शर्मनाक बयान जारी कर किसानों के जले पर नमक छिड़क रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा देश और समाज को बांट रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है।
इस सरकार ने निहत्थे किसानों पर जिस तरह से पानी की बौछारे कर व आश्रुगैस के गोले छोड़कर जुल्म किया गया वह अंग्रेजों से भी ज्यादा गुरूर हे। विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र में किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है। क्या अब देश में अपनी आवाज उठाना एक गुनाह हो गया है। वह अपनी बात तक नहीं रख सकते।
यह खटृर सरकार की तानाशाही नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित हरियाणा ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च को नाकाम करने के लिए बॉर्डर सील कर दिए। हरियाणा पुलिस नेे दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए शांति से मार्च करने वाले किसानों पर पानी की बौछारों के अलावा उन पर लाठीडंडे भी भांझे हैं। यह आजादी से पहले वाले अंग्रेजो का काला कानून है, हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है पूरी तरह जंगल राज फैला हुआ है, प्रदेश सरकार की नीतियों की वजह से आमजन रोजी रोटी के लिए मोहताज है।
हरियाणा का मतदाता भाजपा की सरकार बना कर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। इसलिए इसे अब एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं रह गया है। इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तुरंत ही त्याग पत्र दे देना चाहिए।