(मालक सिंह) करनाल में 3 दिन पहले करनाल के व्यापारी सोनू वधवा द्वारा मधुबन आवर्धन नहर में कूद कर आत्महत्या कर ली गई थी। परिवार वाले इसे पुलिस दबाव व राजनीतिक मर्डर बता रहे है। वही सोनू वधवा को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर “जस्टिस फ़ॉर सोनू वधवा” नाम एक से पेज बनाया गया है। जहाँ पर आरोपी पुलिस वालों पर सख्त कार्यवाही करने की बात कहीं जा रही है। पेज पर अभी 1114 पेज लाइक्स है वही 1139 लोग पेज फॉलो कर रहे है।
राजेन्द्र लिखा ने एक पोस्ट पर कमेंट किया है कि दोषियों को सजा होगी। पहले भी सोशल मीडिया लोगो के लिए लोगों की आवाज़ बना है। दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया रेप मामले में सोशल मीडिया पर निर्भया को न्याय दिलाने की आवाज़ उठी थी।
विजेंदर मालिक ने एक कमेंट में लिखा है कि उनको सजा जरूर होगी, वधवा फैमिली को प्रशासन के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए। सोनू वधवा के एक दोस्त ने बताया कि सोनू बहुत ही शर्मिला व इमोशनल इंसान था। वह केवल अपने काम से मतलब रखता था। एक जिगरी दोस्त का कहना है। कि सोनू यारो का यार था।
गुरूवार सुबह करीब 10 बजे से घर से गायब घी व्यापारी व करनाल डिप्टी मेयर मनोज वधवा के छोटे भाई भरत उर्फ सोनू वधवा का शव गांव दाहा के पास स्थित आर्वधन नहर से आज सुबह मिला था शव नहर में दिखते ही वहां मौजूद गोताखोरों ने तुरन्त शव को बाहर निकाला व पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शव को पोस्मार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज में भेज दिया ! पुलिस ने शव के मिलते ही परिजनों को सूचना दी, सूचना मिलते ही परिजन मेडिकल कॉलेज में पहुंचे, लेकिन परिजनों ने वहां पर शव का पोस्मार्टम करने व शव को उठाने से साफ मना कर दिया था! परिजनों ने आरोप लगाया कि करनाल पुलिस के 2 DSP विवेक चौधरी व राज कुमार पिछले काफी दिनों से परिवार के सदस्यों को नोटबंदी के दौरान उनके ऊपर राजनितिक साजिश के तहत दर्ज हुए एक झूठे मामले में प्रताडि़त कर रहे थे, जिसकी वजह से उनके भाई भरत उर्फ़ सोनू वधवा ने संदिग्ध परिस्थितियों में नहर में कूदकर आत्म हत्या कर ली ! करनाल पुलिस व करनाल प्रसाशन के सीनियर अधिकारियों ने 15 दिन में इस पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच करने की बात कही है।