Live – देखें – Big News – हरियाणा शराब घोटाला : गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंची रिपोर्ट ,विज की प्रैसवार्ता Live – कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज ,देखें Live – Share Video
हरियाणा के बहुचर्चित शराब घोटाले की एस.ई.टी. जांच रिपोर्ट अब दोबारा फीडबैक के साथ गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंच गई है। सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट के एक हिस्से में आबकारी व पुलिस महकमे के कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। लिहाजा सरकार अभी इस बात पर मंथन कर रही है कि आखिर किस तरह से कार्रवाई की जाए।
बताया गया कि एस.ई.टी. की जांच में यह साफ हुआ है कि शराब फैक्ट्री मालिकों, कुछ आबकारी अफसरों व पुलिस की मिलीभगत से शराब तस्करी को बढ़ावा दिया गया। फिलहाल अब देखना यह है कि गृह मंत्री विज एस.ई.टी. अफसरों की रिपोर्ट में की गई संस्तुति पर सरकार की हरी झंडी का इंतजार करते हैं या फिर कार्रवाई के सीधे आदेश दिए जाते हैं। हरियाणा के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी टी.सी. गुप्ता की अगुवाई वाली एस.ई.टी. ने बीते 31 जुलाई को गृृह सचिव विजय वर्धन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसके बाद यह रिपोर्ट गृह सचिव के जरिए गृह मंत्री अनिल विज को भेजी गई, लेकिन करीब दो हजार पन्नों की रिपोर्ट होने के कारण गृह मंत्री ने अध्ययन के लिए गृह सचिव को वापस भेज दी थी। इसके लिए पांच दिन का समय दिया था, जहां बुधवार देर शाम को गृह सचिव ने फिर से गृह मंत्री के पास रिपोर्ट का पूरा फीडबैक भेज दिया है।
रिपोर्ट को मीडिया में लीक होने से परहेज कर रही है सरकार
सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट के एक हिस्से में एस.ई.टी. के अफसरों की ओर से जो संस्तुति की गई है, उसे सरकार की ओर से मीडिया में लीक नहीं करने के मौखिक आदेश दिए हैं। हालांकि गृह मंत्री विज खुद कह चुके हैं कि वह रिपोर्ट के महत्वपूर्ण अंश यानी जिसमें अफसरों पर कार्रवाई की जानी है, उसको मीडिया से जरूर सांझा करेंगे।
रिपोर्ट में शामिल अफसर अब गृह मंत्री के राडार पर
गृह मंत्री अनिल विज साफ कर चुके हैं कि रिपोर्ट में जो भी अफसर दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अब रिपोर्ट में शामिल अफसरों के खिलाफ अगले दो दिन में गृह मंत्री की ओर से कार्रवाई के आदेश दिए जा सकते हैं। वहीं इस रिपोर्ट के बाद से आबकारी व पुलिस विभाग के कई अफसर व कर्मचारी सहमे हुए हैं। विभाग में तमाम तरीके से चर्चाएं चल रही हैं जिसमें डी.ई.टी.सी. व ई.टी.ओ. स्तर के अफसर शामिल हैं।