एक अफवाह जिसने करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज एंव सरकारी हॉस्पिटल के सभी डॉक्टरों ,कर्मचारियों और अधिकारियों को सतर्क कर दिया , एक्टिव कर दिया। इतना ख़ौफ़ पैदा कर दिया कि समय पर काम कर लो, वरना गब्बर आ जाएगा। आज करनाल में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के आने की अफवाह उड़ी और उसके बाद आ गए सब हरकत में।
ख़ौफ़ किस बात का नाम होता है ,ये आप हरियाणा के कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछें। जिन्हें सपने में भी हरियाणा के दबंग मंत्री अनिल विज नज़र आते हैं। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का इतना डर है कि जिस विभाग में वो एक बार छापा मार लें, वहां के कर्मचारी से लेकर अधिकारी फिर अपनी आदतों में सुधार करने लग जाते हैं। प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनी और अनिल विज को पहले की तरह स्वास्थ्य मंत्री के साथ साथ गृह मंत्री की कमान दी गई।
जैसे ही उनको कमान मिली, पहले की तरह वो एक्शन मोड़ में आ गए। पहले पानीपत के पुलिस थाने में छापा मारकर 2 को सस्पेन्ड कर दिया, फिर करनाल नगर निगम आए वहां 4 अधिकारी और 1 कर्मचारी को सस्पेन्ड कर दिया। उनका इतना ख़ौफ़ है कि अधिकारी जिन्होंने वक़्त पर काम नहीं किया वो उनके आते ही सहम जाते हैं, डर जाते हैं, परेशान हो जाते हैं कि ये मंत्री साहब क्यों आ गए, अब तो क्लास लगेगी।
करनाल में अधिकारियों और कर्मचारियों में दबंग मंत्री अनिल विज का इतना डर है कि आज एक अफवाह उड़ी की गब्बर आ रहे हैं, गब्बर इसलिए क्योंकि खुद अनिल विज बोलते हैं कि काम पर लग जाओ वर्ना गब्बर आ जाएगा।
आज जैसे ही ये अफवाह कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल व सरकारी हॉस्पिटल में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आ रहे हैं सभी डॉक्टर, नर्सें , अस्पताल स्टाफ , प्रबंधन तक हरकत में आ गए। इतना ही नहीं जो स्टाफ किसी काम से बाहर गए हुए थे, वो भी वापिस आ गए। सब सतर्क हो गए, सब मरीजों के साथ प्यार से बात करने लगे, सब उनकी बीमारी को समझने लगे, क्योंकि सबको डर था कि कहीं मंत्री जी आ गए और किसी ने शिकायत कर दी तो कहीं सस्पेन्ड ना कर दें।
हमारी टीम करनाल ब्रेकिंग न्यूज़ के पास भी कई फोन आए, कि अनिल विज जी आ रहे हैं क्या ? लेकिन ये बात अफवाह थी, वो ना ही कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल आ रहे थे और ना ही सिविल अस्पताल । सब इस डर से अपना काम उचित तरीके से करने लगे कि कोई अनिल विज तक हमारी शिकायत ना पहुंचा दे।
अच्छा है, कर्मचारियों और अधिकारियों में जो डर है, डर इस बात की काम करना है जनता का, उस जनता का जिसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। अक्सर देखते हैं कि कर्मचारी और अधिकारी अपने दफ़्तर में समय से नहीं पहुंचते, काम लापरवाही से करते हैं, काम करने के लिए कुछ अधिकारी रिश्वत लेते हैं, लेकिन दबंग मंत्री के ख़ौफ़ से क्या पता जनता के काम होने में कुछ सुधार हो जाए।
क्योंकि अधिकारियों और कर्मचारियों को समझना होगा कि जनता को तंग किए बगैर उनकी समस्याओं का समाधान करना ज़रूरी है।