भाजपा का प्रत्येक कार्यकत्र्ता करनाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहरलाल को एक लाख से अधिक मतों से जितवाने के लक्ष्य को पूरा करके इतिहास रचने का कार्य करें ताकि एक बार फिर मुख्यमंत्री मनोहरलाल प्रदेश की बागडोर संभालें और जनता को पुन: एक पारदर्शी एवं ईमानदार सरकार मिल सके।
यह वक्तव्य भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनन्द ने आज एक स्थानीय बैंकेट हॉल में आयोजित करनाल विधानसभा कार्यकत्र्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यकत्र्ताओं में जोश भरते हुए पूरी लगन एवं मेहनत से काम करने का आह्वान किया।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि आप सौभाग्यशाली हैं कि आप सभी ने पांच साल पहले मनोहर जी को करनाल का विधायक चुनकर विधानसभा में भेजने और करनाल विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दिलवाने का काम किया था और आप सभी की कड़ी मेहनत एवं परिश्रम की बदौलत ही राष्ट्रीय संगठन ने उनकी काबलियत को परखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। आज फिर वह दिन आ गया है और हमारा दायित्व बनता है कि उनकी गैर मौजूदगी में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें पहले से भी अधिक मतों जिताकर एक रिकॉर्ड स्थापित करने का काम करेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि कार्यकर्ता हरियाणा मे जो भाजपा का निर्धारित लक्ष्य अबकी बार 75 पार से आगे प्रदेश की 90 की 90 सीटों पर जीत दिलवाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अन्य विपक्षी पार्टियों के पास न कोई चेहरा है और न ही कोई चरित्र है। उन्होंने कहा कि कोई भी चुनाव या काम मैनेजमेंट का होता है इसलिए चुनाव को भी बड़े ही व्यवस्थित तरीके से लडऩा है ताकि हम अपने लक्ष्य को पार कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं में समर्पण की भावना का होना अति आवश्यक है और यही भावना आपको जीत दिलाने में मददगार साबित होगी।
कार्यकर्ता सम्मेलन मे विधानसभा चुनाव प्रभारी जंगबहादुर चौहान, चुनाव संयोजक अशोक सुखीजा, मेयर रेणूबाला गुप्ता, पूर्व मंत्री शशी पाल मैहता एवं जीवन गर्ग ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कृष्ण गर्ग, मंडल अध्यक्ष दीपक गुप्ता, प्रवीन लाठर, अमर ठक्कर, एडवोकेट जगदीश चावला, यश मित्तल, सतीश कालड़ा, पार्षद मुकेश अरोड़ा, साहिल कालरा वीर विक्रम, गिन्नी विर्क, कृष्ण तनेजा, भगवानदास अग्घी, कुलदीप शर्मा, रघुमल भट्ट, रणधीर मैहला, रमेश मिड्डा, जोगिंदर मदान व डा. अशोक कुमार के अतिरिक्त अन्य सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।