दयाल सिंह पब्लिक स्कूल दयाल सिंह कॉलोनी करनाल के परिसर में दयाल सिंह मजीठिया जी की पुण्यतिथि के अवसर पर भक्ति संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की शैक्षिक सलाहकार रमेश लाठर एवं प्राचार्या सुषमा देवगुन, निर्णायक मंडल में विनीत शर्मा एवं चंद्र मेहता ने मजीठिया जी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। भक्ति संगीत कि इस प्रतियोगिता में करनाल की कुल 10 टीमों ने भाग लिया।
जिसमें विवेकानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एस एम एस मेमोरियल पब्लिक स्कूल, दयाल सिंह पब्लिक स्कूल पानीपत, बाल भारती विद्या मंदिर, प्रताप पब्लिक स्कूल एवं दयाल सिंह पब्लिक स्कूल दयाल सिंह कॉलोनी करनाल की टीमें थी। इन टीमों में से एसडी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करनाल एवं दयाल सिंह पब्लिक स्कूल सेक्टर 7 की दो टीमों ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल करनाल की टीम ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया है एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया है संत निक्का सिंह पब्लिक स्कूल करनाल ने।
इस अवसर पर शैक्षिक सलाहकार रमेश लाठर एवं प्राचार्य सुषमा देवगुन ने सभी विजेता टीमों को पुरस्कृत किया और प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि दयाल सिंह मजीठिया जी एक राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपना सर्वस्व समाज व देश के लिए समर्पित कर दिया। ऐसी पुण्यात्मा युगों युगों में जन्म लेती हैं जो समाज के लिए अपना सर्वस्व लुटा दे ।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष विद्यालय की ओर से दयाल सिंह मजीठिया जी की पुण्यतिथि के अवसर पर भक्ति संगीत प्रतियोगिता करवाई जाती है, जिसमें अपने विद्यालय को छोड़कर अन्य विद्यालयों की टीमों से ही विजेता घोषित किए जाते हैं। उन्होंने विजेता टीमों को बधाई दी और कहा कि हमें सरदार दयाल सिंह मजीठिया जी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके द्वारा समाज में चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सरदार दयाल सिंह मजीठिया जी ने अपनी संपत्ति को तीन भागों में विभक्त किया जिसमें ट्रिब्यून ट्रस्ट, लाइब्रेरी ट्रस्ट और कॉलेज ट्रस्ट वर्तमान में समाज में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस अवसर पर एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर डॉक्टर केवल कृष्ण ने स्वरचित कविता सरदार दयाल सिंह मजीठिया एक युग सर्जक को प्रस्तुत किया।
मंच संचालन करते हुए अंग्रेजी की अध्यापिका सोनिया अरोड़ा एवं हिंदी की अध्यापिका सुप्रिया ने सरदार दयाल सिंह मजीठिया जी के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।