सी एम सिटी करनाल में पिछले दिनों सामने आये एक बड़े आटा घोटाले में खानापूर्ति करते हुए जांच तो की गई लेकिन उस जांच में खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के भरष्ट अधिकारियों व मुख्य कालाबाजारी करने वाले डिपो होल्डर्स को इस जांच में बिल्कुल भी शामिल नहीं किया गया बल्कि उनको इस केस से निकालने का काम किया गया !
गौरतलब है कि पुरानी अनाज मंडी स्तिथ एक आटा चक्की के गोदाम में पुलिस ने छापा मारकर करीब 350 क्वन्टल सरकारी आटा बरामद किया था जो गरीब लोगों में डिपो होल्डर्स के जरिये बांटा जाता है लेकिन करनाल में खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के भरष्ट अधिकारियों की जेबें अच्छी खासी गर्म कर कालाबाजारी व शहर के कई बड़े बड़े डिपो होल्डर्स गरीबों के हिस्से का आटा ही खा गए !
इतने बड़े राशन घोटाले पर राजनेता चुप क्यों ?
मुख्यमंत्री के खुद के विधानसभा क्षेत्र करनाल में हुए इस आटा घोटाले पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जब आज करनाल पहुँचे तो उनसे करनाल ब्रेकिंग न्यूज ने जब सवाल पूछा कि खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही इस घोटाले को अंजाम दिया गया है वही खाद्य एंव आपूर्ति विभाग ही इस मामले की जांच में लगाया है इस सवाल पर मुख्यमंत्री जी प्राथमिक जांच की बात कहकर चलते बने !
हम आपको बता दे कि अगर इस मामले की जांच पूरी ईमानदारी से किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से करवाई जाए तो इस मामले में कई बड़े बड़े डिपो होल्डर्स व खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के चेहरे बेनकाब हो सकते है ,वही यह बात भी सामने आ रही है कि इस आटा घोटाले में शामिल आरोपियों के सर पर सी एम सिटी के कुछ राजनेताओं का हाथ भी है जिसके चलते किसी भी भरष्ट अधिकारी व मुख्य डिपो होल्डर के खिलाफ कोई कारवाही नही हो रही है !