Live – देखें – CM सिटी करनाल वासी परेशान बंदरो कुत्तो और आवारा जानवरों से तो वही नगर निगम ने हाथ किये खड़े ,देखें Live – Share Video
खुद नगर निगम आयुक्त का कहना मैं भी हु करनाल वासी मैं खुद इन आवारा कुत्तों व बंदरो से हु परेशान वही कहाँ समस्या इतनी बड़ी हमे खुद नही आ रहा समझ क्या करे , रोजाना हो रहे लोग बंदरो- आवारा कुत्तो का शिकार तो वही नगर निगम करनाल शहर को स्मार्ट बनाने के देख रहा सपना ,देखें Live
सीएम सिटी करनाल स्मार्ट सिटी में शामिल तो हो चूका है साथ ही स्मार्ट शहर के तहत करनाल को स्मार्ट बनाने के लिए नगर निगम सपने बड़े बड़े देख रहा है लेकिन इस स्मार्ट शहर में रहने वाले लोग आवारा कुत्तो बंदरो और पशुओ की समस्या से जूझ रहे है बच्चे बड़े जवान सभी कुत्तो और बंदरो के आतंक से परेशान है आलम यह हो गया है की लोग तो अपने बच्चो को घर से बाहर दिन में कम भेजते है ताकि वह किसी कुत्ते या बंदर का शिकार ना हो जाए बंदर जब चाहे किसी की छत से कमरे में घुस जाते है सारा सामान बिखेर देते है कब किसी बच्चे- बूढ़े को काट लेते कुछ नही पता वही आवार कुत्ते खुलेआम ऐसे घूमते है जैसे वह शहर के राजा है जब दिल किया किसी गाडी बाइक वाले के पीछे भाग लिया किसी शिकार को धुंध उसे काट लिया और बात नगर निगम करनाल की करे तो नगर निगम का ध्यान है सिर्फ शहर में करोड़ो रुपए के नए प्रोजेक्ट पर है बाकि जनता की इस आम समस्या से नगर निगम के आयुक्त हाथ खड़े कर बैठे है !
शहर के आम नागरिको की माने तो उनका कहना है की आवारा पशुओ की समस्या से थोड़ी निजात मिली है लेकिन बंदर कुत्ते की शहर में मात्रा तेजी से बढ़ रही जब इनकी मर्जी होती है किसी ना किसी को काट लेते है इस समस्या का कोई हल नही किया जा रहा जबकि लोगो के लिए यह परेशानी बढ़ी है !
बता दे की शहर में कुत्तो की नसबंदी को लेकर करीब 3 साल पहले 80 लाख रूपए खर्च किए गए थे उस समय की नगर निगम आयुक्त ने दावा किया था इससे आवारा कुत्तो की संख्या में कमी आएगी लेकिन 80 लाख खर्च करने के बावजूद आवारा कुत्ते आज कई गुना ज्यादा तादात में आज शहर की सडको पर घूम रहे है वही बंदरो की बात करे तो बंदरो को पकड़ने वाले ठेकदार को नगर निगम कही कही से धुंध धुंध कर लाता तो है कांट्रेक्ट भी देता है लेकिन ना जाने क्यू ऐसा होता है दो बंदर पकड़ कर वह भाग जाते है और बंदर अपनी मस्ती में लोगो को काट अपना शिकार बनाते है !
इस समस्या को लेकर नगर निगम आयुक्त राजिव मेहता का कहना है की यह समस्या बहुत बड़ी है हमे खुद समझ नही आ रहा इसमें क्या करे कुत्तो के लिए शेल्टर बनाए थे लेकिन वहा झगड़ा चल रहा है जिसे जल्दी निपटा लेगे वही लेकिन बंदरो के ठेकेदार बुलाए लेकिन कुछ नही हुआ फिर बुलाए फिर नही हुआ और आवारा पशुओ के नाम पर बोलते बोलते चुप ! अब जब निगम आयुक्त खुद साहब इस समस्या से निकलने का कोई समाधान नही बता पा रहे तो जनता का क्या होगा इसमें आप खुद ही सोचिए जनाब स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट प्रोजेक्ट के साथ साथ जनता के हितो की समस्या का निपटना भी जरूरी है ताकि वह चैन से अपने घर इलाके शहर में रह सके क्यूंकि यह उनका हक है हर साल वह भी सहुलियतो के नाम पर न जाने कोन कोन से टेकस के रूप में हजारो रुपए देते है !