असंध नगर पालिका में किताबो देवी के कार्यकाल को छोड़कर कोई भी चेयरमैन अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। राजनीतिक उठापटक के कारण नपा चेयरमैनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आते रहे हैं। मौजूदा चेयरमैन से 12 पार्षद नाराज हैं। बुधवार को डीसी से मिलकर वाे अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।
तीन दिन शिमला में रणनीति तैयार कर पार्षद असंध पहुंच चुके हैं। बुधवार को 12 पार्षद एकजुट होकर नपा चेयरमैन दीपक छाबड़ा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उपायुक्त विनय प्रताप को सौंपेंगे। पार्षदों का कहना है कि डीसी बुधवार काे कार्यालय में आएंगे और पार्षद के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस लाएंगे।
अब तक इतनों के खिलाफ आ चुका है अविश्वास प्रस्ताव
23 मई 2005 को जगत राम नपा के चेयरमैन बने। 2007 में उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और हरीकृष्ण अरोड़ा को चेयरमैन बनाया गया। एक वर्ष बाद 2008 में दोबारा जगत राम चेयरमैन बने, जो 16 जून 2010 तक रहे। 17 जून 2010 को सुनील बिड़लान को नपा का चेयरमैन बनाया गया। 18 सितंबर 2014 को उपचेयरमैन बनारसी दास को कार्यवाहक चेयरमैन मनोनीत किया गया। वह 4 जनवरी 2015 तक रहे। इसी प्लान में 5 जनवरी 2015 को हरबीर सिंह को नपा चेयरमैन बनाया गया, वह छह माह चेयरमैन रहे। इसके बाद 17 जून 2015 से लेकर 18 जुलाई 2016 तक नागरिक प्रशासन द्वारा असंध नपा का संचालन किया गया।
विधायक कुर्सी बचाने में लगे, पार्षद बोले- अब नहीं मानेंगे
शिमला से वापस आने के बाद भी शहर के 12 पार्षद अलग-अलग जगहों पर बैठक कर रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि उन्होंने अब नपा चेयरमैन के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है। किसी के दबाव में भी पीछे नहीं हटेंगे। पार्षदों का आरोप है कि चेयरमैन अपने मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। किसी भी पार्षद की मांग पर कोई काम नहीं किया जा रहा। इसी के चलते पिछले 3 माह में नगरपालिका की बजट की 3 बैठक रद्द हो चुकी हैं। असंध विधायक बख्शीश सिंह विर्क भी नपा चेयरमैन की कुर्सी बचाने के प्रयास में हैं। विधायक ने भी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में दो बार अलग-अलग पार्षदों को बुलाया है। पार्षदों ने विधायक के समक्ष नपा चेयरमैन के खिलाफ अपनी व्यथा व्यक्त की है। पार्षद प्रतिनिधि मालक सिंह, वाइस चेयरमैन संदेश जिंदल और कर्मवीर सहित 12 पार्षद विरोध कर रहे हैं।
3 बार कैंसिल हुई बजट की बैठक
असंध नगर पालिका में पिछले 3 माह में 3 बार बजट की बैठक बुलाई गई। तीनों बार कोरम पूरा न होने के कारण बैठक रद्द करनी पड़ी। बजट की पहली बैठक 8 मार्च को बुलाई गई थी। इसमें केवल 3 पार्षद पहुंचे थे। वहीं, दोबारा 4 जून को दूसरी बैठक बुलाई गई थी, इसमें भी 7 पार्षद ही पहुंचे। जबकि 14 जून को तीसरी बार नगर पालिका की बजट बैठक बुलाई गई थी। इसमें भी 3 पार्षद पहुंचे थे। अब नपा चेयरमैन से नाराज पार्षद उपायुक्त के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।