30 मई विश्व धूम्रपान मुक्त दिवस के उपलक्ष्य में नगराधीश नवीन आहूजा ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को तम्बाकू का सेवन न करने और दूसरों को भी इस दिशा में प्रेरित करने को लेकर शपथ दिलाई और राष्ट्रीय धूम्रपान नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में विशेष दिशा-निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग सहित कई विभागों के अधिकारियों ने भागीदारी की।
नगराधीश ने कहा कि सभी विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हमारी युवा पीढ़ी तम्बाकू व अन्य मादक पदार्थों के प्रयोग से दूर रहे तभी हम स्वच्छ समाज की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम-2003 की धारा 6बी के तहत किसी भी शिक्षण संस्थान की बाहरी सीमा से 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना पूरी तरह से गैर कानूनी कृत्य है।
इसकी प्रति उल्लंघना पर 200 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी प्रधानाचार्यों व शिक्षा अधिकारियों को अपने शिक्षण संस्थान के बाहर कानून अनुसार चेतावनी बोर्ड लगवाने तथा यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि वे अपने संस्थान के आसपास तंबाकू उत्पाद न बिकने दें। वे ऐसा करने वालों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाएं और इस पर रोक लगवाएं।
उन्होंने कहा कि धूम्रपान के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने में शिक्षक व शिक्षा विभाग अहम भूमिका निभा सकता है। यह सामाजिक बदलाव धीरे-धीरे होगा। शिक्षक बच्चों को धूम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में फोटो व वीडियो सहित समझाएं ताकि उनके मन में इसके प्रति घृणा पैदा हो और वे अपने अभिभावकों में भी इसके प्रति जागरूकता फैलाएं। धूम्रपान पर नियंत्रण में शिक्षक से ज्यादा बेहतर भूमिका कोई अन्य नहीं निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस दिशा में अनेकों महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचना व इसी उम्र के बच्चों को तम्बाकू बेचना पूरी तरह से निषेध किया गया है। तम्बाकू उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरक्ति तम्बाकू बेचने वाली कम्पनियों को उसकी पैकिंग पर तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में सचेत करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। तम्बाकू बेचने वाले परचून विक्रेता को भी अपनी दुकान के बाहर इस संबंध में सावधानी चस्पा करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं।
नगराधीश ने बताया कि तंबाकू उत्पादों के प्रयोग से विश्व में प्रतिवर्ष 60 लाख मौतें होती हैं जिनकी संख्या 1 करोड़ तक पहुंचने की आशंका है। धूम्रपान से अनेक प्रकार की बीमारियां भी उत्पन्न होती हैं जिन पर काफी पैसा खर्च होता है। धूम्रपान के आदी लोग इस पर अपनी कुल आय का 10 प्रतिशत तक खर्च कर रहे हैं। धूम्रपान करने वाले के साथ-साथ यह उसके मुंह से निकलने वाले धुएं के प्रभाव में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने बताया कि धूम्रपान पर नियंत्रण तथा सार्वजनिक स्थलों पर इसके उपयोग पर रोक लगाने के लिए विभिन्न विभागों में नोडल अधिकारी बनाए जा रहे हैं जो गंभीरता से कार्रवाई करते हुए धूम्रपान करने वालों पर जुर्माना लगाएंगे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभिन्न विभागों के जिलाधिकारियों को चालान बुक भिजावाएं ताकि कानून की उल्लंघना करने वालों से सख्ती से निपटा जा सके।
नगराधीश ने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम की धारा 6ए के तहत 18 वर्ष आयु से कम के किसी नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचने या उससे बिकवाने पर भी प्रतिबंध है। तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के बाहर चेतावनी बोर्ड लगाना भी अनिवार्य है। ऐसा न करने पर प्रति उल्लंघना 200 रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि धारा 4 के तहत किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बीड़ी-सिगरेट या अन्य किसी प्रकार से धूम्रपान करने, सार्वजनिक स्थल पर लाइटर, ऐशट्रे, माचिस, हुक्का इत्यादि धूम्रपान को बढ़ावा देने वाली सामग्री की मौजूदगी या उसे प्रदान करना प्रतिबंधित है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थल के मालिक, मैनेजर या प्रभारी की जिम्मेदारी है कि वह अपनी सीमा के भीतर धूम्रपान न होने दे तथा वहां धूम्रपान निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगवाएं। ऐसा करने में विफल होने पर उस पर भी प्रति उल्लंघना 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. रमेश कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राजपाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।