भाई बहन के प्यार के आगे पिघली सलाखें ,करनाल जेल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया रक्षाबंधन का त्यौहार ,रक्षाबंधन पर्व पर जेल प्रशासन ने दिखाई मानवता , जिनका नहीं कोई उन्हें भी सामाजिक संगठन की महिलाओं ने बाँधी राखी !
दुनिया और कानून की नजरों में भले ही वह अपराधी हो लेकिन एक बहन का दिल कहाँ भाई को अपराधी मानता है ! भाई के प्यार में बंधी बहन उसे राखी बाँधने व् अपनी रक्षा का वचन लेने जेल भी पहुँच जाती है ! सोमवार को राखी के मौके पर करनाल जेल भाई बहन के इस प्यार का गवाह बनी जहाँ 400 से अधिक बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बाँधी ! इस दौरान कई बहने भावुक हो गई तो कई भाइयों के भी आंसू छलक आये ! इस मौके पर ऐसा लग रहा था जैसे भाई बहन के प्यार के आगे जेल की सलाखें भी पिघल गई हों
आज सोमवार को जहाँ प्रदेश भर में रक्षाबंधन का पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया गया वहीँ दूसरी ओर जिला जेल में भी राखी का पर्व हर्ष और उत्साह के साथ मनाया। रक्षाबंधन को लेकर जिला जेल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिला जेल में सुबह से लोगों के आने की सिलसिला शुरू हो गया ! जेल प्रशासन द्वारा एक दिन पूर्व ही सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी ! जेल प्रांगण में बहनों द्वारा भाइयों को राखी बांधी गई। बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर , राखी बांधकर मिठाई दी ,जेल में राखी बांधने आई बहने अपने भाइयों से मिलकर बातचीत कर रहे थे ! इस मौके पर जिला जेल में माहौल थोडा गमगीन भी रहा, क्योंकि अपनों से दूर बहनों को जब भाइयों को मिलने का मौका मिला तो भाई-बहन एक दूसरे को देखकर आंखों में आंसू छलक गए। इस अवसर पर बहनों ने भाइयों के हाथों में राखी बांधी।
ख़ास बात ये भी रही की जिन कैदियों को सालों से कोई जेल में मिलने तक नहीं आया उनकी सूनी कलाइयों पर भी आज राखी दमक रही थी , इसके पीछे सामाजिक संगठन की महिलाएं थी जिन्होंने ऐसे भाइयों की सुनी कलाई को राखी से सजाकर मानवता धर्म निभाया ! भद्राकाल होने के कारण राखी बांधने का कार्यक्रम सुबह 11 बजे के बाद प्रारंभ हुआ और 1 बजे तक ये सिलसिला चलता रहा ! हालांकि 1 बजे के बाद भी रक्षाबंधन का कार्यक्रम चलता रहा, छोटे बच्चों में इस त्योहार को लेकर ज्यादा उत्साह देखा गया !