लोकसभा क्षेत्र करनाल के कुल 2003 बूथों के मतदान के लिए ईवीएम का शनिवार को लघु सचिवालय के सभागार में द्वितीय स्तर का व अंतिम रेंडमाईजेशन किया गया। सामान्य पर्यवेक्षक शशि भूषण सिंह, खर्च पर्यवेक्षक विभा मिश्रा तथा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की उपस्थिति में एनआईसी के एडीआईओ परविन्द्र सिंह ने रेंडमाईजेशन की प्रक्रिया पूरी की।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से विकसित किए गए एक सॉफ्टवेयर के जरिए कम्पयूटर में मतदान के लिए उपलब्ध बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट व वीवीपैट की कुल संख्या के क्रम को अक्रम में लेकर उनके पेयर यानि तीनों मशीनों का सैट बनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, उन्हें जानकारी दी गई कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग की हिदायत के अनुसार रेंडमाईजेशन करना जरूरी होता है।
रेंडमाईजेशन के समय करनाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी 9 विधानसभा क्षेत्र के सहायक रिटर्निंग अधिकारी भी उपस्थित रहे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस लोकसभा क्षेत्र के नीलोखेड़ी (सुरक्षित) सैगमेंट में 228, करनाल में 222, इंद्री में 214, घरौंडा में 238, असंध में 239, पानीपत ग्रामीण में 236, पानीपत शहर में 293, इसराना (सुरक्षित) में 202 तथा समालखा विधानसभा क्षेत्र में 231 बूथ बनाए गए हैं। इनके लिए कुल 4447 बैलेट यूनिट, 2244 कंट्रोल यूनिट तथा 2429 वीवीपैट रहेंगी। इनमें 11 प्रतिशत बीयू, 12 प्रतिशत सीयू और 12 प्रतिशत वीवीपैट रिजर्व भी शामिल हैं।
रेंडमाईजेशन में कौन सी बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट किस बूथ पर गई यह सब फाईनल कर दिया गया। इसके बाद सॉफ्टवेयर में लॉक हो जाने से यह फाईनल सूची तैयार हो गई, इसके बाद इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ या परिवर्तन संभव नहीं होता।
प्रक्रिया पूरी होने के बाद उपस्थित अधिकारियों व राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी संतुष्टिï जाहिर की। समुचित प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। अब इसके बाद मतदान के लिए फाईनल सूची के अनुसार मशीनें सभी बूथों पर भेजी जाएंगी।