हर वो इंसान जो श्रद्धाभाव एवं अध्यात्मिक भाव से त्रिवेणी को लगाता एवं लगवाता है तथा इसका पालन-पोषण करता है, उसका कोई भी सात्विक कर्म विफल नहीं होता। त्रिवेणी में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए।
यह विचार आज समाधानांचल की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट संतोष यादव द्वारा त्रिवेणी लगाने की चलाई जा रही मुहिम के तहत सैक्टर-12 स्थित वकीलों की पार्किंग में 286वीं त्रिवेणी लगाते हुए डा. प्रमोद गर्ग एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीना गर्ग ने व्यक्त किये। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से लगाई गई त्रिवेणी के लाभों के बारे में बताते हुए डा. गर्ग ने कहा कि ये जो पर्यावरण की लड़ाई है वो न्याय की लड़ाई है।
हम ये मानते हैं कि वन, जलवायु और पर्यावरण सभी के सांझे सरोकार हैं और इन सांझे सरोकारों का निबाह करना भी हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि ये त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष ना होकर इसका अध्यात्मिक महत्व है। त्रिवेणी को शास्त्रों में स्थाई यज्ञ की संज्ञा दी गई है। इस दौरान एडवोकेट संतोष यादव ने ज्यादा से ज्यादा उनकी त्रिवेणी लगाने की इस मुहिम से जुडऩे का आह्वान किया ताकि आने वाले सम पर्यावरण के घोर संकट से न जूझना पड़े।
श्रीमती नीना गर्ग ने बड़, नीम और पीपल (त्रिवेणी) के पौधे रोपित करते हुए कहा कि त्रिवेणी लगाना संसार का सबसे श्रेष्ठतम एवं पुण्य कार्य है। बारिश बाढ़ नहीं बरकत लेकर आए इसका एकमात्र उपाय भी त्रिवेणी है। त्रिवेणी (बड़, नीम, पीपल) का शास्त्रोंं में विशेष महत्व है। जैसे-जैसे यह त्रिवेणी बढ़ती है वैसे-वैसे आपकी सुख-स्मृद्धि भी बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। रातो-रात कुछ नहीं बदला जा सकता। जब एक बीज बोते हैं तो उसे भी बढऩे में समय लगता है। दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं, वही जिन्दगी है। जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल-हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चलता रहता है।
इस मौके पर समाधानांचल के जिलाध्यक्ष एडवोकेट दीपक, जसमीत मल्होत्रा, डा. प्रमोद गर्ग, श्रीमती नीना गर्ग, डा. सचिन परुथी एवं श्रीमती सिम्पल परुथी, डा. नेहा खंदूजा, डा. माहती प्रकाश आदि उपस्थित रहे।