- धान की फसल लगाने के लिए बीजो का समय से करें परबध
- गेहूं की फसल काटने उपरांत किसान लगा सकते हैं मूंग
- पुरणतया वैज्ञानिक ढंग से खेती करने पर दी टिप्स
गेहूं की फसल काटने उपरांत किसान लगा सकते हैं मूंग की किसम एस.ऍम. एल. 668 और उसके उपरांत धान की फसल लगाने के लिए अभी से उच्च गुणवत्ता वाले बीजो का समय से करें परबध उकत विचार यहाँ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला से ए 65 किसानो के समक्ष राष्ट्रीय डेरी अनुसन्धान के डॉ दलीप गोसाईं पूर्व प्रधान वैज्ञानिक अविम अध्यक्ष कृषि विज्ञानं केंद्र ने रखे.
डॉ गोसाईं ने किसानो से आवाहन किआ की वह गेहूं के भूसे का सही से अपने दुधारू पशुओ के लिए प्रबंधन कर रखें और किसी भी हालत में खेतो में फसलों अवशेषों में अग्ग नहीं लगाए. किसानो ने बताया की उनके यहाँ फसलों अवशेषों में अग्ग नहीं लगाई जाती.
डॉ गोसाईं ने कहा की किसान धान में पूसा बासमती-1509, पूसा बासमती- 1121, पूसा बासमती-1718 और तुडल या मुछाल में नई किस्मे पूसा बासमती -1637 और पूसा बासमती -1728 लगा सकते है जिसके चलते वह उत्कृश्ट बीजो का समय से प्रबंध करें. उन्होंने धान से अछि पैदावारी के लिए पुरणतया वैज्ञानिक ढंग से खेती करने पर टिप्स दी.
कृषि विज्ञानं केंद्र के कुलवीर सिंह वरिष्ठ तकनिकी अधिकारी ने दल के सदस्यों को मक्का लगाने की सिफारिश की और हरे चारो में आने वाले समाये में मका चारा किस्मे जे. 1006 और अफ्रीकन टाल लगाने को कहा .उन्होंने मका से पशुओं के लिए सिलेज बनाने पर भी चर्चा की. किसानो को संसथान की पशुशाला का अवलोकन भी करवाया गया.
सहारनपुर जिला के सरसावा,नकुड़, गैंगों, बालिआखेरी के 22 गाओं के किसानो यशवीर सैनी, राजवीर, नकलीराम कुलवीर कुमार, जतिंदर कुमार ने कार्यक्रम को लाभकारी बताया