स्वच्छता को लेकर देष के षहरों में प्रतिस्पर्धा पैदा करके उन्हे साफ-सुथरा बनाने के उद्देष्य से वर्श 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण का आगाज हो चुका है, जो आगामी 4 जनवरी से षुरू होगा। वर्श 2017 में देष के 434 षहरों के सर्वेक्षण में करनाल 65वें स्थान पर रहा था। अभी तक हासिल उपलब्धियों से उत्साहित हमारा लक्ष्य है कि नए सर्वेक्षण में करनाल टॉप 10 में आए। इसके लिए अभी से तैयारियां षुरू कर दी गई हैं, जिसमें षहर की समूचित साफ-सफाई को लेकर नागरिकों की फीडबैक यानि राय भी ली जाएगी। यह जानकारी नगर निगम की आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने आज यहां दी।
उन्होने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में निर्धारित 4000 अंकों में से 400 अंक अकेले स्वच्छता एप के रहेंगे। नए सर्वेक्षण में षहर की कुल जनसंख्या के 10 प्रतिषत से ज्यादा लोगों द्वारा स्वच्छता एप के डाउनलोड करने पर हमें 150 अंक मिलेंगे। इसी प्रकार सफाई को लेकर स्वच्छता एप पर आई षिकायत का निष्चित अवधि में निवारण करने के भी 150 अंक मिलेंगे, जबकि सर्वेक्षण में टॉप 20 में रहने पर 100 नम्बर मिलेंगे।
आयुक्त ने बताया कि स्वच्छ भारत मिषन की स्वच्छता एप डाउनलोड करके उस पर 9 तरह की षिकायतें ऑनलाईन प्रेशित की जाती हैं। इनमें मृत पषु को उठवाने के लिए 48 घण्टे की अवधि, डस्टबिन की सफाई, कूड़े का ढेर उठवाना, ब्लॉक हुए पब्लिक टॉयलेट को खुलवाना, कूड़ा उठाने वाली गाड़ी के ना आने की षिकायत, सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई न करने, पब्लिक टॉयलेट में बिजली व पानी न होने तथा टॉयलेट की समूचित सफाई की षिकायत के समाधान के लिए 12 घण्टे की अवधि निर्धारित की गई है।
उन्होने बताया कि सितम्बर 2016 से आज तक स्वच्छता एप पर हमारे षहर से 16 हजार 368 षिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 16 हजार 350 का समाधान किया जा चुका है। इनमें से 18 षिकायतें फर्जी पाई गई थी। उन्होने बताया कि करनाल में इस अवधि के दौरान 4 हजार 570 लोगों ने एप को डाउनलोड किया, जिनमें 4 हजार 45 एन्ड्रायड फोन यूजर तथा 525 आईफोन यूजर षामिल हैं। डाउनलोड करने वाले 4 हजार 570 व्यक्यिों में से 739 व्यक्ति अभीतक लगातार एप से जुड़े हुए हैं, जबकि 3 हजार 871 ऐसे हैं, जिन्होने एप को 1 बार यूज़ किया है। इसी प्रकार 16 हजार 345 षिकायतों में से 10 हजार 269 व्यक्तियों ने समाधान के बाद अपनी संतुश्टी की फीडबैक दी है, जबकि मात्र 32 ने अंसतुश्टी जाहिर की है। 210 व्यक्तियों ने हां या नां दोनों में से कुछ नहीं कहा है।
आयुक्त ने बताया कि 16 हजार 345 षिकायतों में से 15 हजार 355 षिकायतों का निष्चित अवधि में समाधान किया गया, जबकि 990 षिकायतें ऐसी रही, जिनमें किसी ना किसी कारण से अवधि से कुछ समय ज्यादा लेकर उसका समाधान कर दिया गया। इन उपलब्धियों से करनाल पूरे प्रदेष में प्रथम स्थान पर रहा, जबकि उत्तर भारत में केवल जयपुर व वाराणसी करनाल से आगे रहे, अर्थात हमार षहर तृतीय स्थान पर रहा। पूरे भारत में हम 25वें नम्बर पर हैं, जबकि गुरूग्राम 118 पर और फरीदाबार 99 नम्बर पर रहा है। उन्होने बताया कि इस अवधि में 22 नवम्बर के दिन करनाल टॉप 10 में रहा था।
आयुक्त ने षहर के नागरिकों से अपील की है कि कोई भी अभियान लोगों की भागीदारी के बिना सफल नहीं हो सकता। अतः स्वच्छता को लेकर नागरिक जागरूक रहें, यदि साफ-सफाई को लेकर किसी को भी षिकायत है, तो वह स्वच्छता एप में माध्यम से षिकायत नगर निगम को भेजें, उसका समाधान निष्चित अवधि में किया जाएगा। उन्होने उम्मीद जाहिर की है कि नगर निगम के प्रयासों के साथ यदि षहर के नागरिक जागरूक रहेंगे, तो निष्चित तौर पर आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण करनाल टॉप 10 में आ जाएगा।