- विश्व भर में सिख की कौम ने बनाई खास पहचान : जत्थेदार गोबिंद सिंह लौंगोवाल
- श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 साला प्रकाश उत्सव को समर्पित विशेष समागम का दिया न्यौता
- वरिष्ठ उपप्रधान, एसजीपीसी मैंबर व संत-महापुरुषों ने एसजीपीसी प्रधान का किया अभिनंदन
- श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी ने शब्द कीर्तन कर संगत को किया निहाल
निसिंग, 4 मार्च : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रधान जत्थेदार गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कहा कि विश्व भर में सिख कौम की अलग पहचान है। सरबत का भला मांगने वाला इकलौता खालसा पंथ शुरु से ही सच्च और हक की लड़ाई लड़ता रहा है।
वे गुरुद्वारा यादगार रोडी साहिब नीसिंग में श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 साला प्रकाश उत्सव को समर्पित गुरमत समागम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहने यहां पहुंचने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क, एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, बाबा गुरमीत सिंह, बाबा सुखा सिंह, बाबा जोगा सिंह, गुरदीप सिंह, हरदीप सिंह लागर, सुखवंत सिंह सहित अन्य गणमान्यजनों ने एसजीपीसी प्रधान को सिरोपा व श्री साहिब भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
एसजीपीसी प्रधान ने कहा कि यह साल श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 साला प्रकाश उत्सव को समर्पित है। इस पूरे वर्ष एसजीपीसी द्वारा अलग-अलग स्थानों पर गुरमत समागम करवाए जा रहे हंै। इसी लड़ी में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा 12 नवम्बर को सुलतानपुर लोदी पंजाब में करवाए जाने वाले विशेषा समागम का न्यौता भी एसजीपीसी प्रधान लौंगोवाल ने संगत को दिया।
एसजीपीसी वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क ने समागम में पहुंचने पर संत-महापुरुषों, सिख पंथ के महान विद्वानों व श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी का स्वागत किया। कार्यक्रम में श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई जबरतोड़ सिंह ने गुरबाणी कीर्तन करते हुए संगत को अमृतपान करने के लिए प्रेरित किया।
इसके अलावा गुरुद्वारा यादगार रोडी साहिब नीसिंग के हजूरी रागी भाई बलदेव सिंह ने भी शब्द कीर्तन कर संगत को निहाल किया। सिख पंथ के महान विद्वान बाबा जगिंदर सिंह गुरदासपुर वाले, गुरमीत सिंह, बाबा कश्मीर सिंह, बाबा मिहां सिंह व बाबा राम सिंह ने भी संगत को गुरमत विचारों से जोड़ा।
एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने अंध विश्वास को त्याग कर सर्वशक्तिमान परमात्मा से जुडऩे की प्रेरणा दी है। इसलिए हमें लोक दिखावा छोड़ कर सच्ची कीरत करनी चाहिए।
अरदास, सेवा और सिमरन सिख जीवन का अभिन्न अंग : बाबा गुरविंदर सिंह
बाबा गुरविंदर सिंह मांडी वाले ने कहा कि सिख के जीवन में अरदास का अहम स्थान है। संसार का मुश्किल से मुश्किल कार्य गुरु चरणों में अरदास करके किया जाए, तो उसमें सफलता मिलती है। सेवा और सिमरन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह पक्षी एक पंख से उड़ान नहीं भर सकता, ठीक उसी प्रकार से सेवा और सिमरन के बिना मानव मन की मैल नहीं धोई जा सकती।
परमपिता परमात्मा की कृपा हासिल करने के लिए सेवा और सिमरन जरुरी है। इतना ही नहीं, सेवा और सिमरन से काम व क्रोध को भी समाप्त किया जा सकता है। बच्चों को नितनेम और सेवा से जोडऩे के लिए अभिभावकों को भी यह नियम जीवन में अपनाने होंगे। गुरु साहिब द्वारा दी गई शिक्षा नाम जपो, कीरत करो व वंड छको के सिद्धांत को भी जीवन में आत्मसात करने के लिए बाबा गुरविंदर सिंह ने संगत को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने गुरु ग्रंथ, गुरु पंथ व पंज प्यारे बनाए, लेकिन लोकदिखावे में फंस कर हमने अंहकारी बना लिया है। इसके अलावा उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में भी अहम कदम उठाने का आह्वान संगत से किया।