- करनाल में राईस मिलर्स व अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा एक ओर धान घोटाला,देखें पूरी खबर
- अधिकारी व राईस मिलर्स मिलकर सरकार को लगा रहे करोड़ो का चुना ,एक ही नाम पर दो-दो फर्म रजिस्टर्ड
( रिपोर्ट – कमल मिड्ढा ): सी एम सिटी करनाल में राइस मिलर्स और अधिकारियों की मिलीभगत से जिले में एक ओर धान घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है ,इससे सरकार को दिए जाने वाले चावल डूबने की कगार पर है, चावल की कीमत करोड़ों में है ! वही विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक एक-एक राइस मिल में दो-दो फर्में बनी हुई हैं और दोनों ही फर्मों को अलग-अलग खरीद एजेंसियों ने धान अलॉट की हुई हैं !
यह कारनामा उन करनाल जिले के उन राईस मिलरों ने किया है, जो चावल नहीं देने पर डिफॉल्टर कर दिए गए थे ! इसलिए इन्होंने नया घोटाले करने के लिए उसी जगह पर सिर्फ राइस मिलरों का नाम बदलकर सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है ! वही जिले से खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कांबोज हैं, जब इनके जिले में ही गड़बड़ी की जा रही है तो प्रदेश की स्थिति पर काबू रखना बड़ा मुश्किल है !
करनाल जिले में खुले आम हो रहे इस धान घोटाले में खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इन्होंने टाइम टू टाइम वेरिफिकेशन करनी होती है ! वही अधिकारियों ने उन मिल मालिकों के सामने भी आंखें बंद कर लीं है ,जिस जगह पर मिल डिफॉल्टर थे ! मिल का नाम बदलते ही अफसरों ने मंजूरी दे दी ,जिले में राइस मिलों की संख्या करीब 300 है !
करनाल जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग व मार्केटिंग बोर्ड अनाज मंडी के अधिकारियों की होनी चाहिए किसी ईमानदारी जांच एजेंसी से जांच ,इन्हीं कुछ भर्ष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से हर साल सरकार को करोड़ो का चुना लगाया जाता है ,जिसके बाद हर साल लीपापोती के लिए कुछ मामले भी इनके खिलाफ दर्ज होते है लेकिन सब नाम नाम के !