रिपोर्ट – कमल मिड्डा: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में चल रहे कुंभ में 2 दिन बिताए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ,देखें कुछ तस्वीरें
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रयागराज में श्रद्धा की डुबकी लगाने के बाद कहा कि आध्यात्मिक संस्कृति के देश भारत की दुनिया में प्रेरणादायक पहचान रही है। विश्व को सामाजिक और नैतिक मूल्यों का पाठ पढाने वाला भारत देश आध्यात्मिक और पौराणिक पहचान के चलते विश्व में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है !
सभ्य संस्कृति के इस देश में हर व्यक्ति की चाहिए कि वे अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए समाज और राष्ट्र सेवा के कार्यों में बढचढ कर भाग लें ! मुख्यमंत्री मनोहर लाल सांय संगम स्थल पर आध्यात्मिक स्नान करने उपरांत अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य भी जनसेवा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनहित की कल्याणकारी और आध्यात्मवाद की स्कीमों को शुरू किया है और हम उनकी सामाजिक सोच को भी आगे बढाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबका मुख्य उद्देश्य जनसेवा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवचन और कथाएं भी स्नान की तरह होती हैं। इनके सुनने से भी जीवन में नई चेतना का संचार होता है !
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक सोच में सम्माहित सकारात्मक सोच लक्ष्य को पाने में मदद करती है। इसलिए जीवन में नई दिशा व दशा तय करने के लिए सामाजिक जीवन में सकारात्मक सोच होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को सांय संगम स्थल पर स्नान करने उपरांत मां गंगा, यमुना और सरस्वती को नमन किया और सभी के लिए सुख व समृद्धि की कामना की। उन्होंने इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार का भी आभार व्यक्त किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम सभी को शरणागत होकर संतोष भाव से राष्ट्र की सेवा का संकल्प लें। समर्पण से समाज के सभी वर्गों को प्रोत्साहन मिलता है और राष्ट्र सेवा की भावना उजागर होती है। मुख्यमंत्री सोमवार को दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। यहां वह अपने सबसे पहले कार्यक्रम में मोरारी बापू की कथा के उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
मनोहर लाल कहा कि दिव्य कुंभ में पहुंचकर आज उन्हें आत्मसंतुष्टि की अनुभूति हो रही है। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है और जिस ढंग से यहां व्यवस्थाएं की गई हैं वह अपने आप में प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि आज से 40 वर्ष पहले 25 जनवरी 1979 को उन्होंने यहीं संगम के किनारे स्नान कर समाजसेवा का संकल्प लिया था और जिसका निर्वहन निरंतर मैं कर रहा हूं। राष्ट्र सेवा में अपने जीवन को समर्पित करते हुए देश के प्रति खुद को शरणागत कर दिया है।
वहीं जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य जी महाराज के शिविर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने व्यास पूजन किया और संबोधित करते हुए कहा कि मैं तो यहां गंगोत्री में स्नान करने के लिए यहां आया था परंतु इस पवित्र स्थान पर प्रवचनों की गंगोत्री में स्नान करने का मौका मिल गया।
उन्होंने कहा कि मैं यहां उस धरती से आया हूं जहां कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने मानव जाति के कल्याण के लिए गीता का अमर संदेश दिया था। गीता ज्ञान का प्रचार प्रसार वैश्विक स्तर पर हो इसके लिए हमने गीता महोत्सव के छोटे से कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यही नहीं फरवरी माह में मॉरीसस देश में भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है।
उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। इनमें से अदृश्य हो चुकी सरस्वती नदी का उद्गम स्थल आदिबद्री हरियाणा में है।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वामी अवधेशानंद जी महाराज के किला दत्र सदन में पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनसे धार्मिक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमारी धार्मिक आस्था से जुड़ा अहम पहलू है। इस दौरान स्वामी अवधेशानंद जी महाराज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के यशवर्धन के लिए तिलक करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा अनेक सामाजिक कार्य किए गए हैं और भविष्य में भी वह इसी तरह समाज सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाते रहेंगे।
अपने आध्यात्मिक भ्रमण में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचायती अखाड़ा निर्मल में पहुंचकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब के आगे शीश नवाया। उन्होंने बाबा फतेह सिंह व बाबा जोरावर सिंह शहीदी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। यहां महंत श्री ज्ञानदेव जी महाराज ने उनका स्वागत किया। यहां से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल विश्व हिंदू परिषद के शिविर में पहुंचे। उन्होंने यहां पहु्ंचकर विहिप के पदाधिकारियों के साथ चाय पर चर्चा की और अपने पुराने साथियों के साथ मिलकर यादें भी ताजा की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसके बाद गोरखनाथ अखड़ा पहुंचे और मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैने आज यहां आकर समस्त जनमानस के साथ-साथ हरियाणावासियों के लिए सुख-स्मृति क कामना की है। इस मौके पर उन्होंने यज्ञ में आहूति भी डाली।