- राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है
- वहीं राम रहीम की पेशी के मद्देनजर पंजाब-हरियाणा के कई जिलों समेत चंडीगढ़ में अलर्ट जारी कर दिया गया है !
( रिपोर्ट – कमल मिड्ढा ) सिरसा पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है ,कोर्ट ने मुख्य आरोपी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित चारों आरोपियों को दोषी करार दिया है ! पंचकूला की सीबीआई कोर्ट चारों आऱोपियों को 17 जनवरी के दिन सजा सुनाएगी ,राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है और उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया !
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर किशन लाल, निर्मल और कुलदीप के साथ मिलकर साजिश रचकर सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या कराने का आरोप था ! आरोप था कि बाइक पर आए कुलदीप ने गोली मारकर रामचंद्र प्रजापति की हत्या कर दी थी, उसके साथ निर्मल भी था. छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र पूरा सच में इस संबंध में अनाम साध्वी का पत्र प्रकाशित किया था और पूरे मामले का खुलासा किया था !
इस मामले में 2003 में एफआईआर दर्ज हुई थी और 2006 में मामला सीबीआई के सुपुर्द किया गया था, इन साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में ही गुरमीत राम रहीम सुनारिया जेल में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहा है !
वही फैसले के दिन पुरानी यादों को ताजा करते हुए अंशुल छत्रपति बताते हैं कि साध्वी यौन शोषण मामले में वर्ष 2002 में एक पत्र सामने आया था, जिसमें साध्वियों ने अपने साथ हो रहे अत्याचार का खुलासा करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से मदद की गुहार लगाई थी !
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति उन दिनों सिरसा से अपना सांध्य अखबार पूरा सच प्रकाशित करते थे ! साध्वी का पत्र लोगों के बीच चर्चा का विषय बना तो उन्होंने साहस दिखाया और 30 मई 2002 को अपने अखबार में ” धर्म के नाम पर किए जा रहे साध्वियों के जीवन बर्बाद” शीर्षक से खबर छाप दी !
यह खबर सीधे गुरमीत रामरहीम को प्रभावित कर रही थी। अंशुल का आरोप है कि इस वजह से बाबा ने उनके पिता को धमकियां दिलवाना शुरू कर दिया ! बाबा की धमकियों से रामचंद्र नहीं डरे और लगातार इस मामले को प्रकाशित करते रहे !
24 सितंबर 2002 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने साध्वियों द्वारा लिखे गए गुमनाम पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए ! सीबीआई ने जांच शुरू कर दी ! इसी दौरान 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति रात को घर पर थे ! आरोप है कि तभी कुलदीप और निर्मल सिंह ने उन्हें आवाज देकर घर से बाहर बुला लिया !
कुलदीप ने रामचंद्र पर पांच फायर किए। इसके बाद दोनों वहां से भाग निकले ! लेकिन उसी दिन पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया ! हत्या में इस्तेमाल की गई रिवाॅल्वर डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर कृष्ण लाल की लाइसेंसी रिवाॅल्वर थी ! रामचंद्र को अस्पताल ले जाया गया, पहले रोहतक पीजीआई और फिर अपोलो अस्पताल दिल्ली में भर्ती करवाया गया ! 28 दिन बाद 21 नवंबर 2002 को उन्होंने दम तोड़ दिया !
सिरसा समेत पूरे प्रदेश में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए ! तत्कालीन चौटाला सरकार ने जांच के आदेश दे दिए ! इसी दौरान दूसरे आरोपी निर्मल सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया, पुलिस ने आनन-फानन में चार्जशीट दाखिल कर सिरसा कोर्ट में ट्रायल शुरू करवा दिया !
अंशुल ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगाई ! कई सुनवाई के बाद 10 नवंबर 2003 को हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए और सिरसा कोर्ट के ट्रायल को रुकवा दिया ! सीबीआई जांच ही कर रही थी कि बाबा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और इस पर स्टे ले आए, 1 साल तक स्टे रहा ! अंशुल ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी और नवंबर 2004 में स्टे टूट गया !
सीबीआई ने फिर जांच शुरू की, लगातार जांच चलती रही ! 31 जुलाई 2007 को सीबीआई ने चार्जशीट पेश की ! 2014 में सबूतों पर कोर्ट में बहस शुरू हुई ! 2007 में पेश किए गए चालान में खट्टा सिंह अहम गवाह थे लेकिन वे बयान से पलट गए थे ! अगस्त 2017 को राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण मामले में सजा हुई तो खट्टा सिंह ने दोबारा गवाही के लिए अपील की, उनकी गवाही हुई !
2 जनवरी 2019 को कोर्ट ने सुनवाई पूरी की और गुरमीत राम रहीम समेत कुलदीप, निर्मल और कृष्ण लाल को 11 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा ! अब 16 साल बाद इस केस में फैसला आ रहा है !