हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनावों के बाद व प्रदेश में 10 साल कांग्रेस सत्ता में रहने के बाद हार गई थी ओर अगली सरकार भाजपा की बनी ! जिसके बाद से अब तक 4 साल हो गए प्रदेश कांग्रेस बगैर संघठन के ही अगले 2019 के विधानसभा चुनाव जीतने का दावा कर रही है ,ऐसा शायद पहली बार देखने को मिला है कि देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस हरियाणा में जिला व ब्लॉक स्तर पर संघठन नहीं बना पाई है और जिस कारण प्रदेश में व जिला स्तर पर कांग्रेस का कार्यकर्ता टूटता जा रहा है !
अगर बात हम अगर हरियाणा की सी एम सिटी करनाल की ही करें तो करनाल में भी बगैर संघठन के कांग्रेस कामजोर ही पड़ी है ,करनाल की पांचों विधानसभाओं से कांग्रेस सरकार में विधायक रह चुके नेता भी 4 साल से कुछ नहीं कर पा रहे है वही जिला व ब्लॉक स्तर पर समय समय पर जो कार्यक्रम होने चाहिए उनकी संख्या भी नामात्र है !
इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि कांग्रेस में हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार है ,कांग्रेस के बीच चल रही आपसी फूट के कारण भी कांग्रेसी नेता व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर 4 साल से संघठन नहीं बना पा रहे है और उनके समर्थक भी उनके हर प्रोग्राम व रैली में अशोक तंवर को CM बनाने के नारे लगाते है !
कांग्रेस में मुख्यमंत्री के कौन कौन दावेदार –
1- पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा
2- कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर
3- कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
4- पूर्व मंत्री किरण चौधरी
5- पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद कुमारी शैलजा
यह सभी पांचों मुख्यमंत्री के दावेदार पिछले 2 साल से हरियाणा में अलग अलग अपनी अपनी रैलियां करते हुए नजर आ रहे है ,एक मंच पर यह पांचों दावेदार कभी नजर नहीं आये जिसके चलते हरियाणा में कांग्रेस काफी ज्यादा कमजोर पड़ती नजर आ रही है !
संघठन बनाना प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी –
पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा व पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा से हरियाणा कांग्रेस में संघठन न होने बारे कई बार सवाल पूछा जा चुका है जिसपर उनका कहना हर बारी यही होता है कि प्रदेश अध्यक्ष की यह जिम्मेवारी है वह तो इस मामले में सोनिया गांधी तक से मिल उन्हें भी कई बार इस मामले से अवगत करवाया जा चुका है !