अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने व्यापारी व किसानों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार ने सरकारी जीरी की खरीद बंद करके किसानों को नाजायज तंग कर रही ह,ै जो उचित नहीं है। जबकि केंद्र सरकार के आदेशानुसार जीरी की खरीद 15 दिसंबर तक होनी चाहिए। मगर हरियाणा सरकार ने 15 नवंबर सेे जीरी की खरीद बंद कर दी है।
राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री कह रहे हैं कि किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। मगर किसान अपनी जीरी को बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह जीरी की खरीद 15 दिसंबर तक जारी रखें।
ताकि जिस किसान की फसल लेट है वह किसान अपनी जीरी को सरकारी रेट पर बेच सके। श्री गर्ग ने कहा कि एफसीआई विभाग के सरकारी अधिकारी अपनी जेबों को गरम करने के लिए राइस मिलरों के चावल की डिलीवरी समय पर ना लेने के कारण राइस मिलरों को बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार को एफसीआई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए।
राइस मिलों की चावल की डिलीवरी समय पर लेने में किसी प्रकार की दिक्कत ना करने के आदेश देने चाहिए। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण राइस मिले नुकसान में चल रही है। जबकि 100 किलो जीरी में लगभग 62 किलो चावल निकलता है। मगर केंद्र सरकार राइस मिलरांे से 67 किलो चावल ले रही है और 100 किलो जीरी पिनाई पर खर्चा लगभग 70 रूपये आता है मगर सरकार जीरी पिनाई पर 10 रूपये दे रही है।
जिसके कारण राइस मिले नुकसान में चल रही है। श्री गर्ग ने कहा कि सरकार को 100 किलो जीरी पर 62 किलो चावल लेना चाहिए और 100 किलो जीरी पिनाई पर सरकार को राइस मिलरांे को 100 रूपये क्विंटल के हिसाब से देना चाहिए। ताकि बर्बाद हो रहा राइस उद्योग को बचाया जा सके।