करनाल, 29 जून : मुख्यमंत्री मनोहर लाल के लिए उनके सुरक्षा अधिकारी कांग्रेस नेताओं को सुरक्षा के लिए खतरा मानते है। कांग्रेस नेताओं ने इस कदर मुख्यमंत्री भयभीत है कि वह जनता दरबार में भी उनका सामना करने से डर जाते है। यह वाक्य करनाल में मुख्यमंत्री के खुले दरबार में सामने आया।
मुख्यमंत्री से आम आदमी की तरह शिकायत करने के लिए कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पुनिया आज जनता दरबार में पहुंचे। उन्होंने बकायदा रजिस्ट्रेशन करवाया। रजिस्ट्रेशन तो भली भांति हो गया। यदि सुरक्षा कर्मियों की निगाह नहीं पड़ती तो वह मुख्यमंत्री तक पहुंच जाते। वह आम आदमी की तरह लाईन में लगे।
तभी किसी सुरक्षा कर्मी की निगाह उन पर पड़ गई। देखते ही देखते हडकंप मच गया और सुरक्षा एजैंसी हरकत में आ गई। आम तौर पर मुख्यमंत्री समुचे प्रदेश का होता है। उसके लिए कांग्रेस भाजपा और इनेलो मायने नहीं रखती। जनता दरबार भी आम आदमी के लिए लगाया गया था न कि कांग्रेस के लिए वर्जित था। संज्ञीनों के साय में मुख्यमंत्री को बिठाया गया। मुख्यमंत्री को देखकर लग रहा था कि उनको सबसे ज्यादा खतरा आम आदमी से है।
सुरक्षा के घेरे में मुख्यमंत्री को कैद कर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आम लोगों को दूर कर दिया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री को लोग देख नहीं सके। इसके लिए पर्दा भी लगा दिया गया। यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने से पहले मनोहर लाल विधायक के रूप में सर्वाधिक मतो से करनाल से जीते थे। यह भी एक रिकार्ड है। लेकिन इसी विधानसभा क्षेत्र में उन्हें सबसे ज्यादा खतरा मतदाताओं से ही है।
आम आदमी के रूप में पहुंचे पंकज पुनिया को तत्काल सुरक्षा एजैंसियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कह दिया कि मुख्यमंत्री जी को आपसे खतरा है। वह आपसे डरते है। आप उनके नजदीक नहीं पहुंच सकते। ऐसा लग रहा था कि सुरक्षा एजैंसी कांग्रेस के नाम से खौफजदा थी और उन्हें आतंकवादी से ज्यादा खतरनाक मान रही थी।
पंकज पुनिया से जब बातचीत की तो उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तो साजा होता है। उसके पास फरियाद लेकर कोई भी पहुंच सकता है। लेकिन पहली बार हरियाणा में ऐसा मुख्यमंत्री देखा है जो आम आदमी को कांग्रेस, भाजपा और इनैलो में बांट रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के पास करनाल मूनक रोड की बदत्तर हालात और बिजली व्यवस्था को लेकर पहुंचना चाहते थे और उन्हें यहां की समस्याओं से अवगत करवाना चाहते थे। लेकिन मुख्यमंत्री की आंख पर पट्टी बांधने वाले अधिकारी सच्चाई से मुख्यमंत्री को अवगत करवाने की बजाए सुरक्षा घेरे में कैद करने में ज्यादा भरोसा रखते है।