बिजली विभाग में कार्यरत्त स्कील्ड व अनस्कील्ड (एएलएम) कर्मचारियों ने आज काम से हटाए जाने के विरोध में लघु सचिवालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुस्साए कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने चेताया कि अपनी मांगे मनवाने के लिए वे सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।
बिजली कर्मचारी अशोक कुमार वैद्य, कृष्ण कुमार, विरेन्द्र कुमार, राजकुमार, विनोद कुमार, अरविंद्र कुमार, वीरेन्द्र शर्मा व नरेश कुमार ने बताया कि वे उत्तरी हरियाणा विद्यतु वितरण निगम में पिछले दो वर्षों से स्कील्ड व अनस्कील्ड के पद पर पूरी ईमानदारी व मेहनत से कार्य कर रहे थे। उनकी मेहनत की वजह से ही विद्युत विभाग घाटे से उभरा है।
उन्होंने कहा कि बीती 31 मार्च से उनका सैक्सन खत्म हो चुका है और करनाल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर व कैथल सभी जिलों के कर्मचारियों को सरकार ने बेरोजगार कर दिया है। उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलते हुए लगभग अढ़ाई महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार ने अब तक उनकी कोई सुध नहीं ली है।
उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों ने इस बाबत ओएसडी के माध्यम से मुख्यमंत्री को चार-पांच बार ज्ञापन भी सौंपा, परन्तु सरकार ने उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उसके पश्चात उन्होंने मूनक में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा लेकिन वहां से सरकार की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया। उसके बाद डांड में जो मुख्यमंत्री का सीधा संवाद प्रोग्राम था उसमें कर्मचारियों को प्रशासन ने मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया।
उस कार्यक्रम में भी हमने डीएसपी व तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन पहुंचवाया, लेकिन सरकार ने उनकी सैक्सन नहीं भेजी। अंत में सभी बेरोजगार कर्मचारियों को सभी जगहों से निराश होकर करनाल में अपना धरना-प्रदर्शन शुरु करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब सरकार को हमारी जरुरत होती है तो सैक्सन भेज देती है और जब जरुरत नहीं होती तो हटा देती है, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
कर्मचारियों ने मांग की कि उनकी सैक्सन तुरन्त भेजी जाए और एक दिन के ब्रेक के बाद रेगुलर दी जाए ताकि उनके परिवार का पालन-पोषण हो सके। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र से नरेन्द्र प्रधान, सुभाष, लवली, कैथल से रमन, शिसव, पवन, यमुनानगर से विक्रम कनवर सिंह, अम्बाला से राजन, राजीव व अशोक वैद्य उपस्थित रहे।