December 22, 2024
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करनाल सोनू वधवा की आत्महत्या ओर आरोपियों के खिलाफ कोई कारवाही न होना एक बड़ा मामला बनता हुआ दिखाई दे रहा है ! करनाल विधानसभा क्षेत्र से इनेलो के पूर्व प्रत्याशी रहे एवं नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज वधवा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके भाई की आत्महत्या के मामले में मुख्यमंत्री दोषियों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि साढ़े आठ महीने बीत जाने के बावजूद दोषियों के खिलाफ आज तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मनोज वधवा ने कहा कि उनके भाई की आत्महत्या के मामले में सीएम की भूमिका संदिग्ध है।

इस मामले में उच्च अधिकारी एवं भाजपा नेता जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोषियों को बचाने का काम कर रहे हैं। करनाल का विधायक, प्रदेश का मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय उनके पास होने के बावजूद दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। गुनाह तो गुनाह है ही, वहीं अपराधियों को संरक्षण देना भी गुनाह है। सीएम मनोहर लाल दोषियों को संरक्षण देने का काम रहे हैं और इसी वजह से दोषियों के खिलाफ आज तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी।

इनेलो नेता ने कहा कि साढे आठ महीने बाद इंसाफ की मांग करना भाजपा के छुटभइये नेताओं को यदि राजनीति लगती है तो यह उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। भाजपा नेताओं का कहना है कि अब न्याय की मांग करके मैंने निगम चुनाव के समय इस मुद्दे को उठाया है। यदि निगम चुनाव के बाद मैं न्याय की मांग करता तो यही भाजपाइ कहते कि अब लोकसभा चुनाव है और फिर कहते कि अब विधानसभा चुनाव के समय राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह मुद्दा उठाया है, जो कि उनकी घटिया मानसिकता का परिचायक है।

उन्होंने कहा कि मैं शहर का एक गणमान्य व्यक्ति हूं और नगर निगम में डिप्टी मेयर के पद पर आसीन हूं। जनहित के मुद्दों एवं शहर के विकास को लेकर यदि मैंने सीएम से मुलाकात भी की है तो मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया है। इसमें मैंने कोई राजनीति नहीं की है। वधवा ने कहा कि त्यौहार के दिन किसी के घर पर शोक व्यक्त करने जाना कोई सनातनी परम्परा नहीं है।

मुख्यमंत्री कई जगह होली खेलने के बाद मेरे घर पर शोक व्यक्त करने पहुंचे थे तो उन्होंने कौन सी परम्परा निभाई थी। जबकि भाजपा के कुछ नेता कहते हैं कि यह सीएम के एजेंडे में नहीं था। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तो यह होता कि सीएम हत्या उपरांत संवेदना प्रकट कर दिखावा करने उनके घर न आते। उन्होंने कहा कि मुझे व मेरे पिता जी को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।

उन्होंने कहा कि नीलोखेडी के विधायक ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने न केवल पुलिस अधिकारियों को फोन किया, बल्कि अपने छोटे भाई व कार्यकत्र्ताओं को थाने में भेजकर छोटे से मामले को प्रोपगैंडा करके और वहां पत्रकारों को बुलाकर इतना बड़ा कर दिया, जिसका नतीजा आप सबके सामने हैं। जो हम आज तक भुगत रहे हैं और ताउम्र भुगतते रहेंगे। विधायक ने पुलिस अधिकारियों को फोन पर कहा था कि मनोज वधवा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी है और उसे किसी भी हालत में छोडऩा नहीं है।

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि कौन सा अधिकारी कहां पर तैनात है। करनाल का विधायक होने के नाते उनकी जिम्मेवारी बनती है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कौन सा अधिकारी कहां काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी सीआइए टू का एसएचओ वहीं पर तैनात है, जबकि लीपापोती कर रूटीन मे दोनो डी० एस० पी० के तबादले कर दिए गए। भाजपाइयों द्वारा लगाए गए थूको और भागो के आरोप के सम्बंध में वधवा ने कहा कि थूक कर चाटने की प्रवृत्ति भाजपाइयों की रही है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए भाजपा की करनाल जुण्डली के बारे में कहा कि गत विधानसभा चुनाव में जब मनोहर लाल खट्टर करनाल से भाजपा के प्रत्याशी थे तो इसी जुण्डली ने उन्हें बाहरी प्रत्याशी बताकर व लौटा-नून डालकर उनका प्रचंड विरोध किया था और पूरे शहर में काले पोस्टर लगवाए थे, जिसे करनाल की जनता भलीभांति जानती है। करनाल की जनता इसका जवाब आने वाले चुनाव में जरूर देगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का विरोध करने वाली भाजपा की यही जुण्डली अब सीएम की चमचागिरी करके वाह-वाही लूटना चाहती है।

यह जुण्डली बौखलाहट में अनाप-शनाप ब्यानबाजी करके मुख्यमंत्री की चमचागिरी कर रही है। यही भाजपाई अब खुद थूक कर चाटने का काम कर रहे है। इनेलो नेता ने भाजपाइयों द्वारा सीएम को संत की संज्ञा दिए जाने पर कहा कि सीएम स्वच्छ राजनीति नहीं कर रहे हैं। सीएम की नैतिकता का ढोल सफेद झूठ है। उन्होंने बताया कि गत दिनों निसिंग में एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में विधायक भगवान दास कबीरपंथी को अपनी आत्महत्या के लिए दोषी ठहराया था, लेकिन सीएम ने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उन्हें जांच में क्लीनचिट दिलवा दी।

मृत्यू पूर्व लिखे गए अपने सुसाइड नोट में महिला ने अन्य लोगों के साथ-साथ विधायक को भी दोषी ठहराया था। एफएसएल रिपोर्ट में भी यह साबित हो चुका है कि सुसाइड नोट महिला के हाथ का ही लिखा हुआ है। यदि सीएम स्वच्छ राजनीति करते तो दोषी अधिकारियों व भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी होती। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को अवश्य सजा होगी।

मनोज वधवा ने कहा कि पार्टी किसे विधानसभा का टिकट देगी, यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। पार्टी ने पहले भी मुझे सक्षम समझकर करनाल से विधानसभा का टिकट दिया था और यदि पार्टी ने इस बार भी मुझे सक्षम समझा तो पुन: पार्टी का टिकट दिया जाएगा। पार्टी आज भी मेरे साथ खड़ी है।

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