तापमान में लगातार वृद्धि से गर्म हवाएं यानि लू का प्रकोप शुरू हो गया है। इसे देखते हुए आने वाले दिनो में इसका प्रभाव ज्यादा होने की सम्भावना है। इससे बचने के लिए जिला प्रशासन ने आम जनता के लिए कुछ जरूरी टिप्स देकर क्या करें और क्या ना करें बारे बताया है।
क्या करें – उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया के अनुसार लू से बचने के लिए ठण्डी जगहो पर रहने की कोशिश करें। हॉट यानि तेज धूप में छाते का प्रयोग करें। हो सके तो ढीले व सूती कपड़े विशेषत: सफेद कलर के कपड़े पहने। सिर पर सूती कपड़े का हैट या पगड़ी रखें
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक शारीरिक गतिविधि करने से परहेज करें। यदि यह ग्वारा ना हो तो कम धूप में ही शारीरिक कार्य करें। पानी प्रचुर मात्रा में पिएं।
कम नमक वाला दूध की कच्ची लस्सी व गुलूकोज़ वाटर ले सकते हैं। अपने रहने वाले कमरे का तापमान कम से कम रखने के लिए पानी छिडक़ें, खिडक़ी की छाया, पंखा तथा क्रॉस वैंटीलेशन रखें।
व्यक्ति में लू या गर्मी लग जाने के लक्षण दिखाई देने पर उसे ठण्डी जगह पर ले जाएं तथा ऐसे व्यक्ति को कम से कम वस्त्र पहनाएं। ऐसे व्यक्ति के सिर व शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियां तथा बर्फ से भीगा कपड़ा रखें। बावजूद इसके अधिक असर दिखाई ना देने पर उसे तुरंत अस्पताल में ले जाएं।
क्या ना करें – इस बारे उपायुक्त ने बताया कि शरीर पर सूर्य की पडऩे वाली सीधी धूप से दूर रहें। बिना छाते के गर्म व तेज धूप में ना जाएं। गहरे व काले रंग के वस्त्र ना पहने। सिर पर कपड़ा रखे बिना तेज धूप में ना निकलें। कमरे में यदि सीधी गर्म हवा आ रही है तो उसके आगे ना बैठें। लू से प्रभावित व्यक्ति को ठण्ड़ी जगह पर ले जाने में देरी ना करें। प्रभावित व्यक्ति के शरीर व माथे पर गर्म पानी से भीगा सोखने वाला वस्त्र ना रखे।
उपरोक्त के अतिरिक्त उपायुक्त ने नागरिको को यह भी सलाह दी है कि शुद्ध पानी पीएं। बाजार में बिकने वाले खुले व गले-सड़े फलो का प्रयोग ना करें। बर्फ से बनने वाली कुल्फी के प्रयोग से परहेज करें,
क्योंकि इनका पानी जरूरी है कि शुद्ध ना हो। बिना ढका व रात को बाहर रखा खाने में सडऩ अथवा बैक्टीरिया हो सकते हैं, ऐसा खाना ना खाएं।